दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि को डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ ‘अपमानजनक’ विज्ञापन प्रसारित करने से रोका
दिल्ली हाई कोर्ट ने डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक विज्ञापन प्रसारित करने से पतंजलि पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने पतंजलि को विज्ञापन प्रसारित करने से रोकने का अनुरोध करने वाली डाबर की अंतरिम याचिका को स्वीकार कर लिया। न्यायमूर्ति पुष्करणा ने कहा, ‘‘याचिका स्वीकार की जाती है।’’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तारीख तय की है।
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट में डाबर इंडिया लिमिटेड और पतंजलि आयुर्वेद के बीच च्यवनप्राश से जुड़े विज्ञापन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। डाबर का आरोप है कि पतंजलि अपने विज्ञापनों के ज़रिए डाबर के च्यवनप्राश को जानबूझकर “साधारण” और “कमज़ोर” बताकर बदनाम कर रहा है, जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम पैदा हो रहा है और डाबर की साख को नुकसान हो रहा है।
बता दें कि इस विवाद की शुरुआत साल 2017 में हुई थी, जब डाबर ने पतंजलि के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उस समय कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए पतंजलि को ऐसे भ्रामक विज्ञापन प्रसारित करने से रोक दिया था। कोर्ट ने माना था कि पतंजलि के विज्ञापनों में डाबर की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई जा रही है और इससे बाज़ार में असंतुलन पैदा हो सकता है।