दिल्ली हाईकोर्ट ने राजीव चंद्रशेखर की मानहानि याचिका पर शशि थरूर को जारी किया नोटिस
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर द्वारा दायर मानहानि याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा 4 फरवरी को चंद्रशेखर के आपराधिक मानहानि मामले को खारिज करने के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका पर थरूर को नोटिस जारी करते हुए कहा कि "इस मामले पर विचार करने की आवश्यकता है।"
पीठ ने क्या कहा?
अदालत ने प्रतिवादी को नोटिस जारी करने को कहा। ट्रायल कोर्ट को बुकमार्किंग के साथ डिजिटल फॉर्म में रिकॉर्ड की मांग की जाए। राजीव चंद्रशेखर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य थे। 2021 से 2024 तक, उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी तथा कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि थरूर ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर "झूठे" और "अपमानजनक" बयान देकर उन्हें बदनाम किया है। उन्होंने दावा किया कि चुनावों में उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा नेता ने 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान तिरुवनंतपुरम निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को "रिश्वत" दी। चंद्रशेखर के अनुसार, थरूर ने यह बात "उनकी प्रतिष्ठा को कम करने और पिछले आम चुनावों के परिणाम को प्रभावित करने के इरादे से कही, जबकि उन्हें अच्छी तरह पता था कि ये बयान झूठे थे।"
चंद्रशेखर के वकील ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सबूतों को नजरअंदाज कर दिया और फैसला दिया कि मानहानि का कोई मामला नहीं बनता। 4 फरवरी को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पारस दलाल ने थरूर को तलब करने से इनकार कर दिया और कहा कि शिकायत में “मानहानि का कोई तत्व नहीं है”। दिल्ली उच्च न्यायालय इस मामले की 16 सितंबर को पुनः सुनवाई करेगा।
शशि थरूर केरल के तिरुवनंतपुरम निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। लगभग तीन दशकों तक संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने के बाद वह 2009 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए। बाद में उन्हें यूपीए सरकार में विदेश मंत्री भी नियुक्त किया गया। उन्होंने विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।