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23 March 2018

दिल्ली हाईकोर्ट ने दी 'आप' के 20 विधायकों को राहत, कहा, दोबारा सुनवाई करे चुनाव आयोग

File Photo

दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने लाभ के पद के मामले मेँ अयोग्य ठहराए गए विधायकों की सदस्यता बहाल कर दी है। शुक्रवार को राष्ट्रपति की अधिसूचना रोक लगाते हुए कोर्ट ने चुनाव आयोग को फिर से मामले की सुनवाई के निर्देश दिए हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत देते हुए चुनाव आयोग के फैसले को पलट दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कोर्ट ने कहा है कि मामले में प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन हुआ है। विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने से पहले मौखिक सुनवाई तक मौका नहीं दिया गया। लाभ के पद के मामले में चुनाव आयोग ने जनवरी में 20 विधायकों की सदस्यता रद कर दी थी।

याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल ने कहा, 'कोर्ट ने कहा है कि यह मामला दोबारा खुलेगा। मैंने केवल एक संवैधानिक मुद्दा उठाया था, मेरे लिए यह कोई झटका नहीं है।'

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बता दें कि जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस चंद्रशेखर की बेंच ने 28 फरवरी को चुनाव आयोग और विधायकों की ओर से बहस पूरी करने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। विधायकों की दलील थी कि कथित लाभ के पद को लेकर उन्हें अयोग्य घोषित करने का चुनाव आयोग का फैसला गैर-कानूनी है। आयोग ने उन्हें उनका पक्ष रखने का मौका नहीं दिया, जबकि चुनाव आयोग की दलीलें थीं कि उन्होंने विधायकों को अपना पक्ष रखने का पर्याप्त समय दिया। 24 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने संबंधी केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। 

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा है कि वह हाईकोर्ट के फैसले के संदर्भ में 20 आप विधायकों को सदन में आने के लिए मंजूरी देंगे।

क्या था मामला

चुनाव आयोग ने 19 जनवरी को संसदीय सचिव को लाभ का पद ठहराते हुए राष्ट्रपति से आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी। उसी दिन AAP के कुछ विधायकों ने चुनाव आयोग की सिफारिश के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था। 21 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की सिफारिश को मंजूर करते हुए विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी। बाद में आप  विधायकों ने हाई कोर्ट में दायर की गई अपनी पहली याचिका को वापस लेकर नए सिरे से याचिका डाली और अपनी सदस्यता रद्द किए जाने को चुनौती दी। केजरीवाल ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था। उनमें से एक विधायक जरनैल सिंह भी थे जिन्होंने बाद में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

इन विधायकों को मिली राहत

1. प्रवीण कुमार, 2. शरद कुमार, 3. आदर्श शास्त्री, 4. मदन लाल, 5. चरण गोयल, 6. सरिता सिंह, 7. नरेश यादव, 8. जरनैल सिंह, 9. राजेश गुप्ता, 10. अलका लांबा, 11. नितिन त्यागी, 12. संजीव झा, 13. कैलाश गहलोत, 14. विजेंद्र गर्ग, 15. राजेश ऋषि, 16. अनिल कुमार वाजपेयी, 17. सोमदत्त, 18. सुलबीर सिंह डाला, 19. मनोज कुमार, 20. अवतार सिंह

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TAGS: Delhi HC, quashed, presidential notification
OUTLOOK 23 March, 2018
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