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25 February 2025

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारत में डीपसीक पर प्रतिबंध लगाने संबंधी याचिका पर शीघ्र सुनवाई से किया इनकार

file photo

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को भारत में सभी रूपों में चीनी संस्थाओं द्वारा विकसित एआई चैटबॉट डीपसीक तक पहुंच को अवरुद्ध करने संबंधी याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि जनहित याचिका में कोई तात्कालिकता नहीं है और यह प्राथमिकता वाली सुनवाई के लायक नहीं है। याचिकाकर्ता के वकील द्वारा यह कहने के बाद कि यह एक संवेदनशील मामला है, अदालत ने उनसे कहा कि यदि यह इतना हानिकारक है तो वे इस प्लेटफॉर्म का उपयोग न करें।

पीठ ने कहा, "इस तरह के प्लेटफॉर्म भारत में लंबे समय से उपलब्ध हैं। केवल डीपसीक ही नहीं बल्कि ऐसे कई प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं। यदि यह इतना हानिकारक है तो इसका उपयोग न करें। शीघ्र सुनवाई का कोई आधार नहीं है।" अदालत ने आगे कहा, "शीघ्र सुनवाई का कोई मामला नहीं बनता। आवेदन खारिज किया जाता है।" अदालत ने कहा कि इंटरनेट पर पूरी दुनिया के लिए कई चीजें उपलब्ध हैं, लेकिन एक व्यक्ति को हर चीज का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है।

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याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई 16 अप्रैल से आगे की तारीख पर करने की मांग की और कहा कि पिछली बार समय की कमी के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी थी। अदालत ने पहले केंद्र के वकील को मामले में निर्देश प्राप्त करने के लिए समय दिया था।

याचिकाकर्ता भावना शर्मा, एक वकील, ने कहा कि याचिका में नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा और सरकारी प्रणालियों और उपकरणों में डेटा को साइबर हमलों और डेटा उल्लंघनों से बचाने और इसकी गोपनीयता बनाए रखने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि प्ले स्टोर पर डीपसीक एप्लिकेशन के लॉन्च होने के एक महीने के भीतर, इसमें कई कमजोरियां पाई गईं, जिससे चैट इतिहास, बैक-एंड डेटा और लॉग स्ट्रीम सहित संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा ऑनलाइन बड़े पैमाने पर लीक हो गया।

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OUTLOOK 25 February, 2025
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