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14 October 2022

दिल्ली दंगा मामला: 'आप' के पूर्व नेता ताहिर हुसैन और अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास और दंगा करने के आरोप तय

राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व निगम पार्षद ताहिर हुसैन और पांच अन्य के खिलाफ दंगा और हत्या के आरोप तय करने का आदेश दिया है।

अदालत ने कहा कि सभी आरोपी हिंदुओं को निशाना बनाने में शामिल थे और उनकी हरकतें जाहिर तौर पर मुसलमानों और हिंदुओं के बीच सौहार्द के लिए प्रतिकूल थीं।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने मामले की सुनवाई करते हुए ताहिर हुसैन के अलावा, तनवीर मलिक, गुलफाम, नाजिम, कासिम और शाह आलम के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। शिकायतकर्ता अजय झा नाम के व्यक्ति को 25 फरवरी, 2020 को चांद बाग के पास भीड़ द्वारा कथित रूप से गोली मार दी गई थी।

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अदालत ने कहा कि सभी आरोपी दंगा भड़काने और हिंदुओं की हत्या करने और हिंदुओं की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए आपराधिक साजिश रचने के लिए मुकदमा चलाने के लिए उत्तरदायी हैं और इस तरह की साजिश के परिणामस्वरूप (शिकायतकर्ता) अजय झा को गोली मारकर घायल कर दिया गया है।

न्यायाधीश ने 13 अक्टूबर को एक आदेश में कहा कि मैं सभी आरोपी व्यक्तियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा), 148 (दंगा, एक घातक हथियार से लैस), 153ए (वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), और 302 (हत्या) के साथ धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए मुकदमा चलाने के लिए उत्तरदायी पाता हूं।

न्यायाधीश ने आगे सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 149 और 307 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया। न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें आईपीसी की धारा 147, 148, 307, 120बी और 149 के तहत दंडनीय अपराधों और आईपीसी की धारा 153ए के साथ 120बी और 149 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए भी उत्तरदायी पाया गया। अदालत ने कहा कि गुलफाम और तनवीर पर भी आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।

विशेष लोक अभियोजक मधुकर पांडे ने स्पष्ट किया कि हत्या के प्रयास के आरोप में मूल अपराध तय किया गया था। चूंकि साजिश हत्या की थी, इसलिए आपराधिक साजिश के अपराध के लिए हत्या और अन्य के आरोप तय किए गए थे।

अदालत ने कहा कि विभिन्न गवाहों के बयानों से यह पता चलता है कि सभी आरोपी उस भीड़ का हिस्सा थे जो हिंदुओं और हिंदुओं के घरों पर लगातार गोलियां चलाने, पथराव और पेट्रोल बम चलाने में शामिल थी। भीड़ के इन कृत्यों से यह स्पष्ट होता है कि उनका उद्देश्य हिंदुओं को उनके शरीर और संपत्ति में अधिकतम संभव सीमा तक नुकसान पहुंचाना था।

न्यायाधीश ने,  हालांकि, उन्हें आईपीसी की धारा 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा शरारत) और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए प्रेरित करने वाले बयान) के तहत अपराधों से मुक्त कर दिया। अदालत ने कहा कि गवाहों के बयानों ने यह भी स्पष्ट किया कि भीड़ द्वारा अंधाधुंध और निशाना बनाकर की गई फायरिंग में शिकायतकर्ता सहित कई लोग गोली लगने से घायल हो गए।

बता दें कि  दयालपुर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मजिस्ट्रियल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी और जनवरी 2021 में मामला सत्र अदालत को सौंपा गया था। इसके बाद अक्टूबर 2021 में एक पूरक आरोपपत्र अदालत को सौंपा गया।

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TAGS: Delhi riots, Delhi Court, framing attempt to murder, rioting charges, AAP ex-leader, others
OUTLOOK 14 October, 2022
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