उमर खालिद की अंतरिम जमानत याचिका पर 12 दिसंबर को फैसला सुनाएगी अदालत
दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित मामले में आरोपी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) के पूर्व नेता उमर खालिद की अंतरिम जमानत याचिका पर बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। खालिद ने अपनी बहन की शादी में शरीक होने के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत मांगी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत 12 दिसंबर को आदेश पारित करेंगे।
सुनवाई के दौरान खालिद के वकील ने विभिन्न फैसलों का हवाला दिया, जिनमें गैर-कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत आरोपी को जमानत दी गई है।
हालांकि विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अधिकांश निर्णय इस मामले में प्रासंगिक नहीं हैं क्योंकि वे अंतरिम जमानत से संबंधित नहीं थे, बल्कि वे विशेष परिस्थितियों के कारण हिरासती पैरोल या अंतरिम हिरासती जमानत देने से संबंधित थे।
खालिद के खिलाफ फरवरी 2020 में हुए दंगों का सरगना होने के आरोप में आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
गौरतलब है कि दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 में खालिद को गिरफ्तार किया था।