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03 November 2016

दिल्ली में 17 वर्षों में सबसे खतरनाक धुंध, स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति

आर के पुरम जैसे स्थानों पर गुरुवार को पीएम 2.5 और पीएम 10 का शीर्ष स्तर सुरक्षित सीमा से 15 गुना अधिक दर्ज किया गया। पीएम 2.5 का निर्दिष्ट सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है लेकिन गुरुवार की सुबह के समय यह 955 दर्ज किया गया।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे को पत्र लिखकर उनसे पड़ोसी राज्यों में फसलों के अवशेषों को जलाये जाने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया।

शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा बुलाई गयी उच्चस्तरीय बैठक में दिल्ली सरकार इस मुद्दे को उठाएगी। वायु गुणवत्ता मापन प्रणाली सफर के सभी निगरानी केंद्रों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गयी है।

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धुंध के कारण महानगर में दृश्यता खराब रही और लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सीएसई ने दिल्ली सरकार से कहा कि ठंड के मौसम में प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए कड़े उपाय किए जाएं और लोगों के लिए स्वास्थ्य विमर्श जारी किया जाए। सीएसई की अनुमिता रायचौधरी ने कहा, इसमें कमजोर लोगों को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है -- ऐसे लोग जो श्वसन और हृदय रोग से पीडि़त हैं और बच्चे हैं।

उन्होंने कहा, सरकार को हर किसी को सूचित करना चाहिए और सलाह देना चाहिए कि घरों के अंदर रहें और बाहर व्यायाम नहीं करें। सीएसई ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 17 वर्षों में यह सबसे खतरनाक धुंध है और दो नवम्बर को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 17 वर्षों में सबसे खतरनाक स्तर पर धुंध रिकार्ड की गयी जहां दृश्यता 300 से 400 मीटर रही।

भाषा

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OUTLOOK 03 November, 2016
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