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03 November 2023

राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में, आपातकालीन कदमों का इंतजार

राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को सुबह ‘‘अत्यधिक गंभीर’’ श्रेणी में चली गयी, जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण फैला रहे ट्रकों, वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों और सभी प्रकार की निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध समेत तमाम आपात उपाय लागू करने की आवश्यकता होती है

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा तैयार किए गए नीति दस्तावेज के अनुसार, ये कदम केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के अंतिम चरण के तहत उठाए जाते हैं और आदर्श रूप में राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 450 के आंकड़े को पार करने से कम से कम तीन दिन पहले लागू किए जाने चाहिए।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण पर नियंत्रण के वास्ते रणनीतियां बनाने के लिए जिम्मेदार वैधानिक निकाय सीएक्यूएम ने बृहस्पतिवार को अनावश्यक निर्माण कार्य और प्रदूषण फैला रहे वाहनों की कुछ श्रेणियों पर प्रतिबंध का आदेश दिया लेकिन अभी दिल्ली और एनसीआर राज्यों से सभी आपात उपायों को लागू करने के लिए नहीं कहा गया है।

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दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य के लिए खतरनाक प्रदूषण से बच्चों की सुरक्षा करने की कवायद के तहत सभी प्राइमरी स्कूलों को दो दिन के लिए बंद करने की भी घोषणा की है।

शहर में एक्यूआई बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे 351 से बढ़कर शुक्रवार को सुबह नौ बजे 471 पर पहुंच गया जो अत्यधिक प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि के कारण प्रदूषण स्तर में अचानक वृद्धि को दर्शाता है।

शहर में 24 घंटे का औसत एक्यूआई बृहस्पतिवार को 392, बुधवार को 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 दर्ज किया गया।

यह पिछले कुछ दिन में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट के सिलसिले को दर्शाता है। बृहस्पतिवार को एक्यूआई गिरकर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया।

वायु गुणवत्ता का संकट केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है। पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता हानिकारक स्तर पर दर्ज की गयी है।

इन शहरों में राजस्थान में हनुमानगढ़ (401), भिवाड़ी (379) और श्री गंगानगर (390), हरियाणा में हिसार (454), फतेहाबाद (410), जींद (456), रोहतक (427), बल्लभगढ़ (390), बहादुरगढ़ (377), सोनीपत (458), कुरुक्षेत्र (333), करनाल (345), कैथल (369), भिवानी (365), फरीदाबाद (448) और गुरुग्राम (366) तथा उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद (414), बागपत (425), मेरठ (375), नोएडा (436) और ग्रेटर नोएडा (478) शामिल हैं।

दिल्ली-एनसीआर में लगातार चौथे दिन शुक्रवार को घनी और दमघोंटू धुंध छायी है और क्षेत्र में कई स्थानों पर पीएम2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना अधिक रही।

पुणे स्थित भारतीय ऊष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा विकसित एक संख्यात्मक मॉडल-आधारित प्रणाली के अनुसार, वर्तमान में दिल्ली में पीएम2.5 प्रदूषण में 25 फीसदी हिस्सा पराली जलाने से उठने वाले धुएं का है और यह आंकड़ा शुक्रवार तक 35 फीसदी पर पहुंच सकता है।

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TAGS: Delhi's air quality, 'very serious' category, emergency steps
OUTLOOK 03 November, 2023
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