Advertisement
07 March 2017

डीयू के प्रोफेसर साईबाबा को उम्रकैद

google

प्रो. साईबाबा को मई 2014 में उनके दिल्ली आवास से गिरफ्तार किया गया था। हेम मिश्रा और प्रशांत राही सन 2013 में पकड़े गए थे। इन सभी के पास से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए थे। साईबाबा के अलावा दोषी ठहराए गए लोगों में हेम मिश्रा, प्रशांत राही, महेश तिर्की, पांडु नरोटे और विजय तिर्की शामिल हैं। उन्हें आतंकी समूह या संगठन का सदस्य होने तथा किसी आतंकी संगठन को समर्थन देने के अपराध से संबंधित गैर कानूनी गतिविधियां (निवारक) कानून की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया।

विशेष लोक अभियोजक पी साथियानाथन ने सभी छह दोषी करार दिए गए लोगों को आजीवन कारावास देने की मांग की। उन्होंने यह भी मांग की कि स्वास्थ्य के आधार पर साईबाबा के साथ कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी असमर्थताओं के बावजूद साईबाबा भारत तथा विदेश में विभिन्न सम्मेलनों एवं संगोष्ठियों में भाग लिया तथा माओवादी विचारधारा का कथित रूप से प्रचार किया।

बचाव पक्ष के वकील ने आरोपों के खिलाफ दलील नहीं दी। साईबाबा राम लाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे लेकिन गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। 90 फीसदी विकलांग साईबाबा पूरी तरह से व्हीलचेयर के सहारे हैं। यही वजह है कि मुंबई हाईकोर्ट ने पिछले साल जून में उन्हें जमानत दी थी। वामपंथी विचारधारा वाले साईबाबा रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम के संगठन से भी जुड़े रहे हैं। (एजेंसी)

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: साईबाबा, प्रोफेसर, उम्रकैद, दोषी, नक्सलियों, गढ़चिरौली
OUTLOOK 07 March, 2017
Advertisement