मुश्किल में DUSU के नए अध्यक्ष अंकिव बसोया, तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी ने उनकी डिग्री को बताया फर्जी
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव (DUSU Election 2018) में अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज करने वाले एबीवीपी के सदस्य अंकिव बसोया की फर्जी डिग्री का मामला एक बार फिर गरमा गया है। तिरुवल्लुवर यूनवर्सिटी की ओर से प्रिंसिपल सेक्रेटरी को लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसमें थिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय द्वारा अंकिव की बीए की डिग्री को फर्जी बताया गया है। यह पत्र 3 अक्टूबर को जारी किया गया था।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, तिरुवल्लुवर यूनवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी (तमिलनाडु) को लिखे पत्र में कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ अध्यक्ष अंकिव बसोया द्वारा जमा किए गए सर्टिफिकेट फर्जी है। साफ शब्दों में यह भी स्पष्ट किया है कि अंकिव का नाम तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी या यूनिवर्सिटी के अंतर्गत किसी भी कॉलेज में नहीं है।
पहले भी सामने आ चुकी है अंकिव की डिग्री फर्जी होने की बात
इससे पहले भी अंकिव की डिग्री फर्जी होने की बात सामने आई थी। इस संबंध में डीयू के बुद्धिस्ट स्टडी डिपार्टमेंट की ओर से थिरुवल्लुवर विवि को स्थिति स्पष्ट करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है।
अब एक्टिव मोड में NSUI, सन्नी छिल्लरअध्यक्ष घोषित करने की मांग
अब इस मामले में अखिल भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) एक्टिव मोड में आ गई है। एनएसयूआई का कहना है कि एक बार पहले भी डूसू अध्यक्ष की डिग्री को विवि ने फर्जी बताया था। अब दूसरी बार विश्वविद्यालय ने उनकी डिग्री को फर्जी बताया है। ऐसे में अंकिव को अब गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
एनएसयूआई ने दूसरे स्थान पर रहने वाले सन्नी छिल्लर को डूसू अध्यक्ष घोषित किए जाने की मांग की है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव साइमन फारुकी की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि डीयू प्रशासन इस मामले में कार्रवाई करने में जानबूझकर देरी कर रहा है।
एनएसयूआई का था दावा, बसोया के स्नातक के अंकपत्र हैं फर्जी
दरअसल, अंकिव की जीत के बाद कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने दावा किया था कि बसोया के स्नातक के अंकपत्र फर्जी हैं, जिस पर विश्वविद्यालय का स्टैंप और लोगो लगा हुआ है।
एनएसयूआई ने कहा था, तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक द्वारा तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में लिखा है, ‘इस मामले में आपको यह सूचित किया जाता है कि अंकिव बसोया उम्मीदवार के प्रमाण पत्र की जांच हो गई है और इसमें पाया गया है कि प्रमाण पत्र असली नहीं है।
ABVP ने NSUI के दावों को किया खारिज
एक बयान में एबीवीपी ने एनएसयूआई के आरोप को ‘दुष्प्रचार’ करार दिया था। एबीवीपी ने कहा था,‘दस्तावेजों की उचित जांच-पड़ताल के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अंकिव बसोया को दाखिला दिया। यह दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रक्रिया है। आज भी डीयू को यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत किसी भी छात्र के दस्तावेजों की जांच-पड़ताल का अधिकार है लेकिन किसी व्यक्ति को प्रमाण-पत्र देना एनएसयूआई का काम नहीं है।’
आरएसएस के छात्र संगठन ने कहा था, ‘डीयू को न सिर्फ अंकिव बल्कि डूसू के सभी पदाधिकारियों के दस्तावेज की जांच का अधिकार है ताकि भविष्य में अफवाहों पर लगाम लग सके।’
12 सितंबर को हुए थे DUSU के चुनाव
गौरतलब है कि 12 सितंबर को डीयू के छात्र संघ चुनाव में 44.66 प्रतिशत मतदान हुआ था जिसमें भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शानदार जीत दर्ज की थी। एबीवीपी ने डूसू चुनाव में चार में से तीन पदों पर जीत हासिल की जबकि एनएसयूआई के खाते में एक सीट (सचिव ) गई थी।