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18 August 2017

चुनाव आयुक्त का बड़ा बयान- ‘आजकल हर हाल में चुनाव जीतने का चलन बन गया’

ओपी रावत ने कहा कि लोकतंत्र तब फलता-फूलता है जब चुनाव पारदर्शी, निष्पक्ष और मुक्त हों, लेकिन ऐसा लगता है कि स्वार्थी आदमी सबसे ज्यादा जोर इस बात पर देता है कि उसे खुद को नैतिक आग्रहों से मुक्त रखते हुए हर हाल में जीत हासिल करनी है। उन्होंने राजनीतिक दलों पर सीधा हमला करते हुए कहा कि विधायकों की खरीद-फरोख्त करना, उन्हें धमकाना एक चतुर चुनावी मैनेजमेंट माना जाता है। किसी को अपनी ओर करने के लिए पैसे का लालच देना, राज्य तंत्र का उपयोग करना, ये सब चुनाव जीतने का हिस्सा बन गया है।

<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr">Election Commission sheds light on &#39;creeping new normal of political morality&#39;<br><br>Read <a href="https://twitter.com/ANI">@ANI</a> story | <a href="https://t.co/m4DZHf0xUC">https://t.co/m4DZHf0xUC</a> <a href="https://t.co/zgCh57rzYu">pic.twitter.com/zgCh57rzYu</a></p>&mdash; ANI Digital (@ani_digital) <a href="https://twitter.com/ani_digital/status/898430241936244736">August 18, 2017</a></blockquote>
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एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में ओपी रावत ने कहा कि चुनाव जीतने वाले ने कोई पाप नहीं किया होता क्योंकि चुनाव जीतते ही उसके सारे पाप धुल जाते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में अब ये ‘सामान्य स्वभाव’ बन चुका है। इस सबसे मुक्ति के लिए सभी राजनीतिक दलों, राजनेताओं, मीडिया और समाज के अन्य लोगों को बेहतर चुनाव के लिए योगदान देना चाहिए।

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बता दे कि चुनाव आयुक्त के इस तरह से दिए गए बयान को हाल ही में हुए गुजरात राज्यसभा चुनाव से देखकर जोड़ा जा रहा है। क्योंकि गुजरात राज्यसभा चुनाव में पैसे और पॉवर के दुरुपयोग के आरोप लगे थे। 8 अगस्त को हुए चुनाव से पहले कांग्रेस के 6 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अहमद पटेल को हराने के लिए बाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।  

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TAGS: EC Said, Winning Elections, All Costs, Without Ethics, New Normal
OUTLOOK 18 August, 2017
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