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21 December 2016

आयकर अधिकारियों से 200 दलों के वित्तीय मामलों पर गौर करने के लिए कहेगा निर्वाचन

गूगल

आयोग का मानना है कि इनमें से अधिकतर दल सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं ताकि चंदा लेकर लोगों के काले धन को सफेद करने में मदद की जा सके।

अगले कुछ दिन में, आयोग सूची से बाहर किए गए इन दलों के नाम आयकर अधिकारियों को भेजेगा और धनशोधन में लिप्त पाए जाने पर संबंधित कानून के तहत कार्रवाई की मांग करेगा।

निर्वाचन आयोग के पास किसी राजनीतिक दल का पंजीकरण करने का अधिकार तो है लेकिन चुनावी नियमों के तहत उसके पास किसी दल का पंजीकरण रद्द करने का अधिकार नहीं है।

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किसी दल का पंजीकरण रद्द करने के अधिकार की उसकी मांग कानून मंत्रालय के समक्ष लंबित है। ऐसे में आयोग ने निष्क्रिय रहने और लंबे समय तक चुनाव न लड़ने वाले दलों को सूची से बाहर करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत दिए गए अधिकारों का इस्तेमाल किया है।

भारत में 1780 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दल हैं। इसके अलावा देश में सात राष्ट्रीय दल- भाजपा,  कांग्रेस,  बसपा,  तृमूकां,  भाकपा,  माकपा और राकांपा हैं। इसके अलावा 58 क्षेत्रीय दल हैं।

चुनाव में कालेधन का प्रवाह रोकने के लिए आयोग ने कई चुनावी सुधारों का प्रस्ताव दिया है लेकिन इनमें से अधिकतर सरकार के सामने लंबित हैं।

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TAGS: Election Commission, Income Tax authorities, political parties, चुनाव आयोग, आयकर अधिकारी, राजनीतिक दल
OUTLOOK 21 December, 2016
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