कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की जमानत पर फैसला 25 सितंबर को
मनीलॉन्ड्रिंग मामले में कर्नाटक के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की जमानत पर 25 सितंबर को फैसला होगा। शनिवार को विशेष जज अजय कुमार कुहार के कोर्ट में दोनों पक्षों ने दलीलें रखीं। शिवकुमार की ओर से एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उन्हें जेल में ही रखना चाहती है। ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि शिवकुमार गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने 25 सितंबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया।
शिवकुमार को इस सप्ताह के शुरू में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। सिंघवी ने कहा कि शिवकुमार के पास सिर्फ बीस सक्रिय खाते हैं, ईडी जिन 317 बैंक खातों का हवाला दे रही है, वो कहां हैं। सिंघवी ने कहा कि 21वां खाता आप दिखा दें तो मैं बैठ जाऊंगा। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी शिवकुमार को जेल में रखना चाहती है। शिवकुमार की ओर से एडवोकेट मुकल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल का भागने का खतरा नहीं है।
अभियोजन ने दी जांच में बाधा डालने की दलील
नटराज ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि शिवकुमार के जांच में बाधा डालने और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका है। आयकर और मनीलॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) के तहत जांच के दौरान कई दस्तावेज और सामग्री बरामद की गई हैं, जो शिवकुमार के खिलाफ ठोस आधार हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच अहम चरण में है। पूछताछ के दौरान अभियुक्त का रवैया असहयोगपूर्ण रहा है।
पिछले साल दर्ज किया था मामला
शिवकुमार को जांच एजेंसी ने 3 सितंबर को गिरफ्तार किया था। आयकर विभाग की एक शिकायत के आधार पर जांच एजेंसी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। आयकर विभाग का आरोप है कि शुरुआती जांच के दौरान शिवकुमार से कथित रूप से बेहिसाब पैसा मिला था। विभाग ने कहा था कि यह पैसा मनीलॉन्ड्रिंग और हवाला ऑपरेशनों में शामिल था, जिसमें दिल्ली और बंगलुरु के व्यक्तियों का नेटवर्क शामिल था।