कोयला घोटाला मामले मे अभिषेक बनर्जी को ED ने फिर किया तलब, एक महीने में तीसरा नोटिस
तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर नोटिस देकर 21 सितंबर को दिल्ली में पेश होने को कहा है। कथित कोयला घोटाला मामले में इस महीने अभिषेक बनर्जी को यह तीसरा नोटिस दिया गया है। ईडी की ओर से अभिषेक बनर्जी से पहले भी पूछताछ की जा चुकी है।
इससे पहले अभिषेक बनर्जी 6 सितंबर को ईडी के सामने पेश हुए थे और उनसे 9 घंटे तक पूछताछ की गई। इसके अगले ही दिन उन्हें फिर से कार्यालय आने के लिए कहा गया, लेकिन तब बनर्जी ने कहा था कि उनके पूर्व निर्धारित राजनीतिक कार्यक्रमों के कारण उनके लिए उपस्थित होना असंभव है। समझा जाता है कि उनसे मामले के अन्य आरोपियों से संबंधों और दो कंपनियों के बारे में पूछा गया जो कथित तौर पर उनके परिवार से संबंधित हैं जिनमें कुछ कथित अवैध लेन-देन हुआ था।
बता दें कि ईडी ने सीबीआई की नवंबर, 2020 की एक प्राथमिकी के बाद पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत संबंधित मामला दर्ज किया था। सीबीआई की प्राथमिकी में आसनसोल और उसके आसपास कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ‘ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड’ की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले का आरोप लगाया गया है।
बंगाल में स्थानीय कोयला संचालक अनूप मांझी उर्फ लाला इस अवैध लेनदेन में प्रमुख आरोपी है। ईडी ने दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध लेनदेन से प्राप्त धन के लाभार्थी थे। उनकी पत्नी रुजिरा को पीएमएलए के तहत समन भेजकर एक सितंबर को पेश होने को कहा गया था हालांकि रुजिरा ने मौजूदा कोरोना वायरस का हवाला देते हुए एजेंसी से उनसे कोलकाता में ही पूछताछ करने का अनुरोध किया।
ईडी ने इस मामले में अभी तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनमें से एक तृणमूल कांग्रेस युवा शाखा के नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा शामिल हैं। बताया जा रहा है कि विनय मिश्रा कुछ समय पहले देश से बाहर चला गया और उसने संभवत: देश की नागरिकता भी त्याग दी है। इसके अलावा इस मामले में निदेशालय ने बांकुड़ा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा को इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार किया था। ईडी ने दावा किया था कि मिश्रा बंधुओं ने इस मामले में कुछ प्रभावशाली लोगों के लिए और खुद के लिए 730 करोड़ रुपये की राशि हासिल की। इस मामले में अनुमानित 1,352 करोड़ रुपये की हेराफेरी थी। मामले में इस साल मई में आरोप पत्र दाखिल किया था।
मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा सरकार पर हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी-शाह की जोड़ी प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त है। ममता बनर्जी ने अभिषेक बनर्जी से चल रही पूछताछ के मामले पर कहा, 'उनके (केंद्र) पास कोई सबूत नहीं ह।. वे केवल उन्हें (अभिषेक बनर्जी) परेशान कर रहे हैं। जब वे हमें राजनीतिक रूप से नहीं लड़ सकते हैं, तो वे हमें डराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।'