धोखाधड़ी के मामले में ईडी ने रोटोमैक ग्लोबल की 177 करोड़ की संपत्ति जब्त की
बैंकों से धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों की मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत 177 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली।
रोटोमैक पर सात बैंकों का 3695 करोड़ रुपये का लोन बकाया है। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में आरोप लगाए गए हैं कि रोटोमैक समूह ने धोखाधड़ी करके बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से 2919 करोड़ रुपये का लोन लिया था। ब्याज मिलाकर ये रकम 3695 करोड़ रुपये पहुंच गई।
आयकर विभाग और सीबीआई की कार्रवाई के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 18 फरवरी को रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और उसके प्रमोटर विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और बेटे राहुल के खिलाफ मनी लाड्रिंग का मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने नई दिल्ली में आईपीसी की धारा 420, 467, 468 व 471 के अलावा प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13 (2) व 13 (1) (डी) में मुकदमा दर्ज करने के बाद कानपुर में छापेमारी की थी। इसमें मेसर्स रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि. कानपुर के अलावा इसके तीनों निदेशकों और अज्ञात बैंक अधिकारियों को नामजद किया गया है।