रचनाओं के माध्यम से तुलसीदास को आमजन से रूबरू कराने की कोशिश, छवियों की मिलेगी नई जानकारी
अभी तक हम 16वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ कवि गोस्वामी तुलसीदास को एक महान हिंदी साहित्यकार और रामचरित मानस जैसे अमर महाकाव्य के रचनाकार के रूप में ही जानते हैं। तुलसीदास पर दिलचस्प डिजिटल सीरिज प्रस्तुत करने वाले केवल कपूर अब उनसे जुड़ी एक और शानदार पेशकश के साथ सामने आए हैं। उन्होंने तुलसीदास पर आधारित एक रंगीन कैलेंडर पेश किया है। इस कैलेंडर की खास बात ये है कि इसके माध्यम से लोग तुलसीदास की उन छवियों से रूबरू हो सकेंगे, जो आज के दौर में ना तो इंटरनेट पर उपलब्ध हैं और ना ही किसी संग्रहालय या लाइब्रेरी में।
कपूर कहते हैं कि इसके अलावा भी तुलसीदास ने कवितावली, दोहावली, हनुमान बाहुक, पार्वती मंगल, रामलला नहछू सहित कई रचनाएं लिखी हैं। उनके दोहे आज भी जन-जन की जुबां पर हैं और यह भी कहा जाता है कि तुलसीदास को साक्षात प्रभु श्रीराम के दर्शन हुए थे। अपनी भक्ति और लेखनी के बल पर तुलसीदास ने वह मकाम हासिल किया कि उनका नाम आज सिर्फ़ किसी कागज़ या किताब पर ही नहीं, बल्कि हमेशा हमेशा के लिए लोगों के दिलों पर छप चुका है। लेकिन उनकी छवि की बात करें तो महज एक या दो तस्वीरें ही सामने आती हैं। वह अपने बचपन और युवावस्था में कैसे दिखते थे, यह कहीं देखने को नहीं मिलता।
डिजिटल सीरिज पर चर्चा करते हुए वे बताते हैं कि अगले चार महीनों में इसके तकरीबन 64 और एपिसोड आएंगे। उनका कहना है, "तुलसीदास पर रिसर्च करते समय मैंने महसूस किया कि उनके इक्का-दुक्का चित्र ही किताबों और पत्रिकाओं में देखने को मिलते हैं। यहां तक कि इंटरनेट पर भी तुलसीदास के इक्का-दुक्का चित्र ही उपलब्ध हैं। इसलिए कि मैंने महसूस किया कि तुलसीदास की छवियों पर भी काम करना जरूरी है। वैसे भी, बदलते दौर में लोगों के घरों से धर्म और संस्कृति से जुड़े प्रतीक गायब होते जा रहे हैं। उनका मकसद है कि कैंलेंडर के माध्यम से तुलसीदास लोगों के घर-घर तक पहुंचे और लोग उनके बारे में जानें। उसी सोच और कल्पना का परिणाम अब तुलसीदास के कैलेंडर के रूप में सबके सामने है।"
उनका कहना है, तुलसीदास के जो भी चित्र अभी तक हम देखते हैं, वे सभी कल्पना पर आधारित हैं। क्योंकि उनकी कोई असल तस्वीर उपलब्ध नहीं है। इसलिए कैलेंडर में भी कल्पना पर आधारित चित्र प्रकाशित किए गए हैं। हर महीने के पेज पर तुलसीदास की एक अलग छवि देखने को मिलती है। हर पेज पर उनकी एक रचना है और 12 पृष्ठों पर उनकी बाल्यावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक के खूबसूरत चित्र प्रस्तुत किए गए हैं।