उत्पाद शुल्क मामलाः कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसौदिया की दूसरी जमानत याचिका की खारिज, जांच एजेंसियों ने किया विरोध
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को उत्पाद शुल्क नीति मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की दूसरी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके बाद अब मनीष सिसोदिया दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। उनकी जमानत का केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों ने विरोध किया था।
फरवरी 2023 से हिरासत में बंद सिसोदिया ने मुकदमे में देरी के आधार पर जमानत मांगी थी। उनकी पिछली जमानत अर्जी भी पिछले साल कोर्ट ने खारिज कर दी थी। सीबीआई ने पिछले साल 26 फरवरी को अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के लिए सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बाद में उन्हें 9 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया, जब वह तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में थे।
कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी गिरफ्तार हैं और फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं। केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछा कि उन्होंने ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका क्यों नहीं दायर की है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) नेता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
पीठ ने केजरीवाल की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी से पूछा "आपने ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत के लिए कोई आवेदन नहीं दिया?" "नहीं", सिंघवी ने उत्तर दिया। पीठ ने पूछा "आपने जमानत के लिए कोई अर्जी क्यों नहीं दाखिल की?" वकील ने कहा कि कई कारण हैं, जिनमें केजरीवाल की "अवैध" गिरफ्तारी भी शामिल है।