किसान नेता राकेश टिकैत ने फिर भरी हुंकार; कहा- 31 जनवरी को मनाएंगे विरोध दिवस, बताई यह वजह
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। टिकैत ने आरोप लगाया है कि सरकार ने 9 दिसंबर को उनसे जो वादे किए थे वो पूरे नहीं किए हैं। ऐसे में किसान आंदोलन करने को मजबूर है। उन्होंने 31 जनवरी को देशभर में विरोध दिवस मनाने का ऐलान किया है।
किसान नेता टिकैत ने कहा कि सरकार के जिस पत्र के आधार पर किसानों ने आन्दोलन को स्थगित किया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है!, लिहाजा अब नए सिरे से पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम चुनाव से अलग हैं हमारा एक मत है हम भी किसी को दे देंगे। मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा। जनता सरकार से ख़ुश होगी तो उन्हें वोट देगी, नाराज़ होगी तो किसी और को वोट देगी।
मीडिया एकाउंट पर ट्वीट करते हुए उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ कल 31 जनवरी को देशव्यापी "विश्वासघात दिवस" मनाया जाएगा। अपने इस आंदोलन के लिए उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से बकायदा एक पोस्टर भी जारी किया है। इस पोस्टर को अब तक सैकड़ों लोग ट्वीट भी कर चुके हैं। संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन इसके आयोजक हैं। इसमें किसानों से फिर एकजुट होने की अपील की गई है।
यूपी गेट पर 11 माह से अधिक समय तक चले आंदोलन के दौरान किसानों ने धरना प्रदर्शन किया। किसानों की मांग थी कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले उसके बाद वो अपने धरने को खत्म करेंगे। सरकार कहती रही कि ये तीनों कृषि कानून किसानों की बेहतरी के लिए बनाए गए हैं मगर किसानों ने उसको नहीं माना। कई दौर की बातचीत भी हुई मगर उसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया। किसानों ने दिल्ली की सड़कों पर 26 जनवरी को जो ट्रैक्टर मार्च निकाला, इससे उनके आंदोलन की छीछालेदर हुई। लालकिला पर झंडा फहराकर किसान संगठनों ने आम लोगों को अपने खिलाफ कर लिया। उसके बाद संगठनों को लगा कि अब सरकार हर तरह से उनके आंदोलन को खत्म कर देगी। लेकिन सरकार ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया, आखिर में 9 दिसंबर को मांगे मान लेने और कुछ पर काम किए जाने के लिखित आश्वासन के बाद ही वादे पूरा करने के वादे के साथ धरना खत्म हो गया।