Advertisement
22 July 2024

किसान संगठनों का 1 अगस्त को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन, 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च का ऐलान

file photo

दो किसान संगठनों संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग करते हुए 1 और 15 अगस्त को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की योजना की घोषणा की है।

केएमएम नेता सरवन सिंह पंधेर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च 31 अगस्त को 200 दिन पूरा करेगा और उन्होंने लोगों से पंजाब और हरियाणा सीमा पर खनौरी और शंभू पॉइंट पर पहुंचने की अपील की। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और केएमएम द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि किसान 1 अगस्त को देश भर के जिला मुख्यालयों तक मार्च करेंगे और सत्तारूढ़ भाजपा के पुतले जलाएंगे। 15 अगस्त को किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर जिलों में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।

उन्होंने कहा, "हम कानूनी तौर पर एमएसपी गारंटी की मांग कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ेगा, लेकिन हमने आर्थिक विशेषज्ञों से चर्चा की और उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है।"

Advertisement

प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद 11 सांसदों ने किसान नेताओं से मुलाकात की। शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और सुखजिंदर सिंह रंधावा और आप के मलविंदर सिंह कांग उन सांसदों में शामिल थे, जिन्होंने किसानों से मुलाकात की।

किसानों का दिल्ली चलो मार्च

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के नेतृत्व में पंजाब के किसानों ने फसलों के लिए एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च शुरू किया था, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिन्होंने अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीमेंटेड ब्लॉक समेत बैरिकेड्स लगा दिए थे। किसानों की पुलिस कर्मियों से झड़प हुई और तब से वे शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं।

10 जुलाई को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के भीतर शंभू सीमा पर बैरिकेड्स खोलने का आदेश दिया। न्यायालय ने पंजाब सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि उसके क्षेत्र में एकत्र प्रदर्शनकारियों को "स्थिति के अनुसार उचित रूप से नियंत्रित किया जाए।" हरियाणा सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 22 July, 2024
Advertisement