किसानों ने दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी, कहा- 4 जनवरी की वार्ता नाकाम हुई तो मॉल्स और पेट्रोल पंप बंद करेंगे
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन शुक्रवार को लगातार 37वें दिन जारी रहा। इस बीच आज किसानों ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है। किसान संगठनों के नेताओं ने दो टूक कहा है कि चार जनवरी को होने वाली बैठक में अगर फैसला उनके पक्ष में नहीं हुआ तो वे कड़े कदम उठाएंगे। इसके साथ ही, बैठक के बाद पेट्रोल पंप, मॉल आदि बंद करने की तारीखों का भी ऐलान करेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने कहा, ''अगर सरकार चार जनवरी को हमारे पक्ष में फैसला नहीं लेती है तो प्रदर्शनकारी किसान संगठन कड़े कदम उठाएंगे।'' उन्होंने कहा कि सरकार के साथ अब तक हुई बैठकों में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों में से केवल पांच प्रतिशत पर चर्चा हुई है। किसान नेता विकास ने कहा, "अगर सरकार के साथ 4 जनवरी की बैठक गतिरोध को समाप्त करने में विफल रहती है, तो हम हरियाणा के सभी मॉल, पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीखों की घोषणा करेंगे।"
स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा-राजस्थान सीमा पर शाहजहाँपुर में प्रदर्शन कर रहे किसान भी दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार, किसान संगठनों के बीच चार जनवरी को होने वाली बैठक में ठोस फैसला नहीं हुआ तो हम छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।
दिल्ली में नव साल के मौके पर शीत लहर के कहर और 1.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने के बाद भी दिल्ली से लगी सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बनी थी।
प्रदर्शन कर रहे किसानों के 41 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा था कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर पारस्परिक सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है और शेष दो मुद्दों पर चार जनवरी को चर्चा होगी। हाड़ कंपाने वाली ठंड में पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले एक महीने से केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।