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12 December 2020

किसानों ने कहा- आंदोलन को विफल करना चाहता है केंद्र, 14 दिसंबर को करेंगे भूख हड़ताल

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 17वें दिन जारी है। सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। शनिवार को किसान नेताओं ने कहा कि हमने आंदोलन को और तेज करने का फैसला लिया है। 14 दिसंबर को भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र हमारे आंदोलन को विफल करना चाहता है, लेकिन हम शांतिपूर्वक आंदोलन जारी रखेंगे।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। संशोधन मंजूर नहीं है। हम सरकार से बातचीत से इनकार नहीं करते हैं। हम आंदोलन को और तेज करेंगे। 14 दिसंबर को सारे देश के कलेक्टरों के दफ्तरों पर प्रोटेस्ट करेंगे। हमारे प्रतिनिधि 14 दिसंबर को सुबह 8 से 5 बजे तक अनशन पर बैठेंगे। 14 दिसंबर को, सभी किसान नेता सिंघू बॉर्डर पर एक ही मंच साझा करेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि इसे लटका दिया जाए, लेकिन हमारे गांव से लोग चल पड़े हैं. लोग आ न सके इसके लिए बैरिकेड लगाए गए, वो भी तोड़ दिए गए हैं। अभी हमारा धरना दिल्ली के 4 प्वाइंट पर चल रहा है। कल राजस्थान बॉर्डर से हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन को विफल करने के केंद्र के प्रयासों को नाकाम करेंगे। हमें विभाजित करने और हमारे आंदोलन के लोगों को भड़काने के लिए सरकार ने कुछ छोटे प्रयास किए थे। लेकिन, हम शांतिपूर्वक आंदोलन जारी रखेंगे।

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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में तेजी आती नजर आ रही है। एक तरफ जहां इस आंदोलन को धार देने के लिए राजस्थान के किसान भी सामने आते नजर आ रहे हैं तो वहीं सिंघु, टिकरी, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों ने भी पूरी तैयारी कर रखी है।

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OUTLOOK 12 December, 2020
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