राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों और पुलिस में झड़प, तोड़ी बेरिकेटिंग, छोड़े आंसू गैस के गोले
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को छठे दौर की बैठक हुई। इसे पचास फीसदी सफल माना जा रहा है क्योंकि किसानों की दो ही मांगों पर सहमति बन पाई है जबकि एमएसपी और तीनों कृषि कानूनों की वापसी को लेकर का मसले पर कुछ नहीं हुआ। इस बीच राजस्थान के किसानों के ग्रुप ने राजस्थान-हरियाणा के बॉर्डर शाहजहांपुर में जबरन घुसने की कोशिश की और दर्जन भर से ज्यादा किसानों के ट्रैक्टर पुलिस की बेरिकेटिंग को तोड़कर दिल्ली की तरफ रवाना हो गए। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।
किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी भी पूरी सहमति नहीं बनी है। शुक्रवार को सिंधु बॉर्डर पर 80 किसान संगठनों की बैठक होगी। इसमें तय किया जाएगा कि चार जनवरी को होने वाली सातवें दौर की बैठक में किसानों का एजेंडा क्या होगा। बुधवार को सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत में चार में से दो मुद्दों पर सहमति बन गई है। इस बीच 31 दिसंबर को होने वाली ट्रैक्टर मार्च स्थगित हो गई है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने हमारी दो मांगों को मान लिया है। शांतिपूर्ण ढंग से किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पहले की तरह इस बार भी बातचीत का वातावरण अच्छा रहा। बैठक में लगभग 50 फीसदी मसलों पर सहमति बन गई है। तीनों कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी दोनों मुद्दों पर चार जनवरी को फिर बातचीत होगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण अध्यादेश पर रजामंदी हो गई है। ऐसे में अब पराली जलाना जुर्म नहीं है। साथ ही बिजली बिल का मसला भी सुलझ गया है।