केरल की लड़ाई दिल्ली में, एक-दूसरे के खिलाफ उतरे भाजपा-माकपा
केरल में श्ाुरू हुई भाजपा और माकपा की लड़ाई अब दिल्ली की सड़कों पर भी आ गई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को जनसुरक्षा यात्रा में भाग लिया तो सोमवार को दो केंद्रीय मंत्रियों विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह और गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया। दूसरी ओर, माकपा ने भी भाजपा को उसी की शैली में जवाब दिया । पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी, पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात और वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने पैदल मार्च का नेतृत्व किया।
भाजपा की जनसुरक्षा यात्रा तीन अक्टूबर को शुरू हुई थी। इसके तहत सभी राज्यों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। सोमवार को दिल्ली में निकली यात्रा में जनरल वीके सिंह और किरेन रिजिजू ने भाग लिया। इस मौके पर सिंह ने कहा कि लोगों को वामपंथियों की हत्या की राजनीति के प्रति सचेत होना होगा। रिजिजू ने कहा कि केरल में हिंसा की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह यात्रा महादेव रोड से भाई वीर सिंह मार्ग स्थित माकपा कार्यालय तक निकाली गई। इस दौरान कार्यकर्ता केरल में भाजपा-आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या और उनपर हो रहे हमलों का विरोध कर रहे थे। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी भी केरल जाने वाले हैं।
भाजपा के इस अभियान का उत्तर माकपा ने भी इसी अंदाज में देने का फैसला किया है। माकपा कार्यकर्ता वीपी हाउस में जुटे और वहां से भाजपा कार्यालय तक मार्च किया और जोरदार नारेबाजी की। इस मौके पर माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने भाजपा-आरएसएस की आलोचना करते हुए कहा कि यदि भगवा संगठन हिंसा नहीं छोड़ते हैं तो उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा। वृंदा करात ने केरल की हिंसा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया। उन्होने कहा कि शाह केरल में वामपंथी कार्यकर्ताओं के खिलाफ भय का माहौल पैदा करना चाहते हैं पर राज्य के लोग आरएसएस-भाजपा के सामने नहीं झुकेंगे।
इससे पूर्व रविवार को कनॉट प्लेस में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने केरल सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है और इसे सरकारी संरक्षण प्राप्त है। हम पर जितना ज्यादा हमला होगा उतना ही ज्यादा हमारा विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के लोग हमलों से डरने वाले नहीं हैं लेकिन हम हिंसा का जवाब हिंसा से नहीं देंगे।