सीबीआई ने किया राकेश अस्थाना की एफआईआर रद्द कराने की मांग का विरोध
सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और अन्य के खिलाफ जो रिश्वत लेने का आरोप है, वह संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। जब तक जांच चल रही है तब तक एफआईआर को रद्द नहीं करना चाहिए।
गुरूवार को जांच एजेंसी ने एफआईआर रद्द करने की राकेश अस्थाना की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि इस स्तर पर रोविंग इंक्वायरी (विषय वस्तु से असंबद्ध) की मंजूरी नहीं है। सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि अस्थाना के खिलाफ जांच अभी शुरुआती दौर में है। इसमें विभिन्न दस्तावेजों और अन्य लोगों की भूमिकाओं की जांच की जा रही है। कुछ फाइल और दस्तावेज केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की निगरानी में है जिसके चलते जांच के मामले में वह असमर्थ हैं।
वहीं, हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई तक अस्थाना की गिरफ्तारी पर रोक बढ़ा दी है। मामले में अगली सुनवाई 14 नवम्बर को होगी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 29 अक्टूबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
कोर्ट में दायर की है याचिका
राकेश अस्थाना ने एफआईआर रद्द कराने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर बिल्कुल गलत है। इसे रद्द किया जाए।
रिश्वतखोरी विवाद के बाद सीवीसी की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था तथा स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर एफआईआर दर्ज की गई थी जिसे उन्होंने चुनौती दी है।