जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पांच नेताओं को किया रिहा, 5 अगस्त के बाद से थे नजरबंद
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार को पांच राजनीतिक नेताओं को रिहा कर दिया, जो 5 अगस्त से बंद थे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला अब भी हिरासत में हैं।
इनमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पूर्व दो विधायक, नेशनल कांफ्रेंस के दो पूर्व विधायक जबकि एक निदर्लीय विधायक को रिहा किया गया है। इनमें इश्फाक जब्बार और गुलाम नबी भट (नेकां), बशीर मीर (कांग्रेस) और जहूर मीर और यासिर रेशी (पीडीपी) शामिल हैं। यह सभी विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य के विभाजन का विरोध कर रहे थे। रेशी को एक विद्रोही पीडीपी नेता के रूप में माना जाता है, जिन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री और पीडीपी संरक्षक महबूबा मुफ्ती के खिलाफ खुलकर विद्रोह किया था । 25 नवंबर को, दो राजनीतिक नेताओं - पीडीपी के दिलावर मीर और डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट के गुलाम हसन मीर को नए केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा रिहा किया गया था। ।
इंटरनेट अभी भी निलंबित
जब से केंद्र ने इस साल अगस्त में विशेष राज्य की स्थिति छीनी है, तब से जम्मू और कश्मीर में तनातनी चल रही थी। प्रशासन ने लोगों और दूरसंचार सेवाओं की आवाजाही पर धीरे-धीरे प्रतिबंध हटा दिया, लेकिन इंटरनेट सेवाएं अभी भी निलंबित हैं। सरकार ने अक्सर अपने फैसले को यह कहते हुए सही ठहराया है कि इंटरनेट का इस्तेमाल असामाजिक तत्वों द्वारा अफवाह फैलाने और राज्य में हंगामा करने के लिए किया जा रहा था।
पीडीपी ने रिहाई की मांग की थी
बता दें कि इससे पहले रविवार को पीडीपी ने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक नेताओं की रिहाई की अपनी मांग दोहराई थी। साथ में पार्टी ने कहा था कि इस क्षेत्र में मौजूदा स्थिति लोकतंत्र के विचार को कमजोर कर रही है। पार्टी ने कहा कि मौजूदा स्थिति आपातकाल के दिनों की यादों को ताजा कर रही है।