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16 August 2018

अटल बिहारी वाजपेयी के 5 बड़े फैसले, जिन्होंने डाला भारत पर व्यापक असर

File Photo

नौ सप्ताह से एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। पिछले 48 घंटों से उनकी सेहत में लगातार गिरावट हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने देर रात तक एम्स पहुंचकर उनका हाल जाना। हालांकि गुरूवार को भी भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दलों के लोग उनसे मिलने और उनके कुशलक्षेम को जानने एम्स पहुंच रहे हैं।

वाजपेयी किडनी में संक्रमण, छाती में संकुलन और पेशाब कम होने के चलते 11 जून से एम्स में भर्ती हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी साल 2009 से ही डिमेंशिया से पीड़ित है।

अटल बिहारी वाजपेयी अपने ओजस्वी भाषण के लिए जाने जाते रहे हैं। साथ ही जब वह प्रधानमंत्री बने तब उनके कई फैसलों ने भारत पर व्यापक असर डाला। आइए, जानते हैं उनके कुछ बड़े फैसलों और योजनाओं के बारे में-

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1. स्वर्णिम चतुर्भुज और ग्राम सड़क योजना

अटल बिहारी वाजपेयी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में उनकी महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं को देखा जाता है। इनमें स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शामिल हैं। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाईवे नेटवर्क से कनेक्ट किया। वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए गांवों को पक्की सड़कों के जरिए शहरों से जोड़ा गया। वाजपेयी सरकार के दोनों प्रोजेक्ट सफल रहे और देश को आर्थिक विकास में बड़ी मदद मिली।

2. सर्व शिक्षा अभियान

6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त प्राथमिक शिक्षा देने के लिए एक सामाजिक योजना की शुरुआत की गई। 2001 में वाजपेयी सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को लॉन्च किया। योजना लॉन्च होने के 4 सालों के अंदर ही स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में 60 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। यह भी देश की आर्थिक तरक्की के लिए बेहतर योजना साबित हुई।

3. टेलीकॉम क्रांति

वाजपेयी सरकार की नई टेलीकॉम पॉलिसी से भारत में टेलीकॉम क्रांति की शुरुआत हुई। इसमें उन्होंने टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक तय लाइसेंस फीस हटाकर रेवेन्यू शेयरिंग की व्यवस्था शुरू की। भारत संचार निगम लिमिटेड का गठन भी नीति निर्माण और सेवा के प्रावधान को अलग करने के लिए ‌किया गया था। दूरसंचार विवाद निपटान अपीलीय प्राधिकरण के निर्माण ने सरकार के नियामक और विवाद निपटान की भूमिकाओं को भी अलग कर दिया। वाजपेयी की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन के तहत विदेश संचार निगम लिमिटेड के एकाधिकार को पूरी तरह खत्म कर दिया था। इससे भी भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली।

4. निजीकरण

अटल बिहारी वाजपेयी व्यापार और उद्योग चलाने में सरकार की भूमिका कम करने के लिए प्रतिबद्ध थे। इसके लिए उन्होंने अलग से विनिवेश मंत्रालय का गठन किया। सबसे महत्वपूर्ण विनिवेश वाले उपक्रम में भारत एल्युमिनियम कंपनी (BALCO) और हिंदुस्तान जिंक, इंडिया पेट्रोकेमिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड और वीएसएनएल (VSNL) शामिल थे। वाजपेयी के इन फैसलों से भविष्य में सरकार की भूमिका तय हो गई। हालांकि, उनके इन फैसलों को लेकर सरकार की आलोचना भी हुई।

5. राजकोषीय घाटा कम किया 

वाजपेयी सरकार ने राजकोषीय घाटे को कम करने के उद्देश्य से वित्तीय उत्तरदायित्व अधिनियम पा‌रित ‌किया। इससे सार्वजनिक क्षेत्र की बचत को बढ़ावा मिला। इसका नतीजा यह रहा कि पब्लिक सेक्टर सेविंग वित्त वर्ष 2000 में GDP के -0.8 फीसदी की तुलना में वित्त वर्ष 2005 में बढ़कर 2.3 फीसदी तक पहुंच गई।

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TAGS: atal bihari vajpayee, india, golden quadrilateral, education for all, privatisation
OUTLOOK 16 August, 2018
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