जम्मू-कश्मीर के चर्चित सेक्स स्कैंडल में बीएसएफ के पूर्व डीआईजी समेत पांच दोषी
चंडीगढ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत की जस्टिस गगन गीत कौर ने 2006 के जम्मू-कश्मीर सेक्स स्कैंडल के मामले में बुधवार को बीएसएफ के पूर्व डीआईजी और जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व डीएसपी समेत पांच लोगों को दोषी ठहराया है जबकि तत्कालीन एडीशनल एडवोकेट जनरल समेत दो को बरी कर दिया। इस मामले में चार जून को सजा सुनाई जाएगी।
यह सेक्स स्कैंडल 2006 में तब सुर्खियों में आया था जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नाबालिग कश्मीरी लड़कियों के यौन शोषण को दिखाने वाली दो सीडी बरामद की थीं। नाबालिगों को कथित रूप से जबरन वेश्यावृति में धकेला गया था और उन्हें बड़े पुलिस अफसरों, ब्यूरोक्रेट्स, नेताओं और आत्मसमर्पण कर चुके आतंकवादियों के पास भेजा जाता था।
सीबीआई वकील के पी सिंह ने कहा, ‘अदालत ने इस स्कैंडल में पांच व्यक्तियों को दोषी पाया। दो लोग बरी कर दिए गए हैं।’ रणबीर दंड संहिता की धारा 376 के तहत जो लोग दोषी ठहराए गए हैं, उनमें बीएसएफ के पूर्व डीआईजी के सी पाधी, जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीएसपी मोहम्मद अशरफ मीर, मकसूद अहमद, शबीर अहमद लांगू और शबीर अहमद लावाय हैं।
सीबीआई के वकील ने मुताबिक कि अदालत ने पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल अनिल सेठी और मेहराजुद्दीन मलिक को बरी कर दिया। वेश्वावृत्ति के धंधे में धकेलने वाली मुख्य आरोपी शबीना और उसके पति अब्दुल हादिम बुल्ला की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। जांच के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाईप्रोफाइल व्यक्तियों समेत 56 संदिग्धों की सूची तैयार की थी। कुछ मंत्रियों के नाम सामने आने के बाद मई 2006 में यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था। उसी साल इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया था। इस स्कैंडल में शामिल होने के आरोपों के चलते जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन तत्कालीन राज्यपाल एन एन वोहरा ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था।