किसानों के मुद्दे पर पंजाब के पूर्व सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने छोड़ी बीजेपी, कहा- संवेदनशील नहीं है सरकार
कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को एक महीने से ज्यादा हो गया है। किसान यूनियनों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक की सभी वार्ता असफल ही रही है। वहीं, किसानों के समर्थन में राजनेताओं के इस्तीफा का सिलसिला अब भी जारी है। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से पूर्व सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने किसानों के मुद्दे पर पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह किसानों के प्रति पार्टी की असंवेदनशीलता के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं और तीनों कृषि कानूनो का विरोध करते हैं।
हरिंदर सिंह खालसा ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों, उनकी पत्नियों और बच्चों की पीड़ा के प्रति पार्टी नेताओं और सरकार द्वारा दिखाई गई संवेदनहीनता के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
खालसा ने 2014 आम आदमी पार्टी के टिकट पर फतेहगढ़ साहिब लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की थी लेकिन, इसके बाद आप नेतृत्व से उनकी नहीं बनी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा नेता स्व. अरुण जेटली की मौजूदगी में खालसा ने भाजपा का दामन थाम लिया था।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि समाधान निकालना किसान के हाथ में नहीं है, समाधान सरकार निकालेगी. किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन कर रहे हैं.। किसान हारेगा तो सरकार हारेगी और किसान जीतेगा तो सरकार जीतेगी।