किरण बेदी के फरमान पर विवाद, खुले में शौच करने वालों को नहीं मिलेगा सरकारी राशन
पुदुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी का नया फरमान विवादों में आ गया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में मुफ्त में राशन के रूप में दिए जाने वाला चावल उन्हीं गरीबों को दिया जाएगा जो अपने क्षेत्र को साफ रखेंगे और खुले में शौच भी नहीं जाएंगे।
उपराज्यपाल दफ्तर की ओर से राज्य के सभी विधायकों और अधिकारियों को स्टेटमेंट जारी किया गया है। इस संबंध में किरण बेदी ने साफ किया है कि चावल का मुफ्त वितरण शर्तों के अनुसार होगा। जो गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। खुले में कूड़ा और प्लास्टिक नहीं फेंका जा रहा है, वहां के स्थानीय विधायक और आपूर्ति विभाग के आयुक्त के प्रमाण पत्र के बाद ही मुफ्त में चावल का वितरण किया जाएगा। बता दें कि राज्य की करीब आधी आबादी को मुफ्त में चावल दिया जाता है।
Linked Free Rice distribution to respective constituency MLAs & Commune Commisioners Certifying villages open defecation free and of strewn garbage and plastic.
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) April 28, 2018
Free Rice reaches out to more than half d population primarily in rural areas
This is d learning of morning round today pic.twitter.com/CCIaVAGdDT
उपराज्यपाल का नया फरमान जून से लागू होगा और सभी क्षेत्रों को चार हफ्तों की डेडलाइन दी गई है ताकि वे गंदगी को दूर करने के लिए मजबूर हो जाएं। यह समय सीमा 31 मई को खत्म हो जाएगी।
बेदी का कहना है कि उनके राज्य में सफाई को लेकर धीमी गति से कदम उठाए गए हैं। एक भी गांव ऐसा सामने नहीं आया, जिसने तय समय पर सफाई का काम पूरा किया हो। उन्होंने कहा कि जब भी वे गांवों का दौरा करने गईं तो विधायक लोगों के लिए फंड मांगते हैं, लेकिन स्वच्छता के पक्ष में कुछ सकारात्मक नहीं दिखा।
राज्यपाल के इस फरमान को लेकर सोशल मीडिया पर भी इसकी तीखी आलोचना हो रही है।