मेहुल चोकसी ने छोड़ी भारतीय नागरिकता, एंटीगुआ में सरेंडर किया पासपोर्ट
करीब 13 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में आरोपी मेहुल चोकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। चोकसी ने अपने भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया है। उसने अपना भारतीय पासपोर्ट एंटीगुआ हाई कमीशन में जमा कर दिया है।
चोकसी ने अपने पासपोर्ट नंबर जेड 3396732 को कैंसिल्ड बुक्स के साथ जमा करा दिया है। नागरिकता छोड़ने के लिए चोकसी को 177 अमेरिकी डॉलर का ड्राफ्ट भी जमा करना पड़ा है। चोकसी ने हाई कमीशन को कहा कि उसने नियमों के तहत एंटीगुआ की नागरिकता ली और भारत की नागरिकता छोड़ी है।
इससे पहले 25 दिसंबर 2018 को चोकसी ने मुंबई की कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल कर कहा था कि वह एंटीगुआ से 41 घंटे की यात्रा कर भारत नहीं आ सकता। इसके लिए उसने अपनी खराब सेहत का हवाला दिया था। चोकसी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जांच में शामिल होने की इच्छा जताई थी। वहीं, ईडी का कहना था कि अपनी सेहत का हवाला देकर चोकसी गुमराह कर रहा है।
पिछले साल जनवरी माह में पीएनबी घोटाले के खुलासे से पहले मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी फरार हो गए थे। उन दोनों के फरार होने के बाद घोटाला देश के सामने आया था।
इंटरपोल ने जारी किया था रेडकॉर्नर नोटिस
मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। सीबीआई की अपील पर यह नोटिस जारी किया गया। पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी एंटीगुआ में रह रहा है। उसके भारत प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है।
चोकसी ने इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं करने की अपील की थी। उसने खुद पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। साथ ही, उसने भारतीय जेलों की हालत खराब बताई थी। चोकसी का कहना था कि भारत की जेलों में मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा।
एंटीगुआ की ली थी नागरिकता
पीएनबी घोटाले का खुलासा पिछले साल फरवरी के पहले हफ्ते में हुआ। इससे पहले नीरव मोदी, उसका मामा मेहुल चोकसी और नीरव के परिवार के अन्य सदस्य विदेश भाग गए। एंटीगुआ की नागरिकता के लिए नवंबर 2017 में वहां की सरकार ने चोकसी का आवेदन मंजूर किया था।
ईडी ने की थी 11 संपत्ति कुर्क
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल नवंबर में नीरव मोदी की दुबई में 56 करोड़ रुपये से अधिक की 11 संपत्ति कुर्क की गई थी। पिछले साल अक्टूबर में जांच एजेंसी ने मोदी और उसके परिवार के सदस्यों की 637 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की थी। इसमें न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क स्थित उनके दो अपार्टमेंट भी शामिल थे।
सीईओ हो चुकी हैं बर्खास्त
पिछले साल अगस्त में सरकार ने इलाहाबाद बैंक की उषा अनंतसुब्रमण्यम को देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में बर्खास्त कर दिया था। हीरा कारोबारी नीरव मोदी इस घोटाले का सूत्रधार है। इलाहाबाद बैंक में जाने से पहले उषा पीएनबी की प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यपालक अधिकारी थीं। नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने कथित रूप से धोखाधड़ी से हासिल गारंटी पत्रों के जरिये पीएनबी को 14,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया था।
सीबीआई पहले ही इस मामले में आरोपपत्र दायर कर चुकी है। आरोपपत्र में कई कर्मचारियों तथा शीर्ष प्रबंधन के अधिकारियों का नाम है। इनमें बैंक के कई पूर्व प्रबंध निदेशक एवं कार्यकारी निदेशक शामिल हैं।