'गगनयान' प्रोजेक्ट को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, 7 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे तीन भारतीय
मोदी कैबिनेट ने तीन सदस्यीय दल को सात दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजने की ‘गगनयान’ परियोजना को मंजूरी दे दी है। केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह जानकारी दी।
‘गगनयान’ परियोजना के तहत 2022 तक तीन भारतीयों को कम से कम 7 दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजे जाने की योजना है। इस कार्यक्रम से भारत की अंतरिक्ष क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इस अभियान की लागत 10 हजार करोड़ रुपये संभावित है। यह भारत का पहला मानव मिशन होगा। भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन ऐसा कर चुके हैं।
इस परियोजना पर 10 हजार करोड़ की लागत
विधि एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि राजधानी दिल्ली में कहा कि इस परियोजना पर 10 हजार करोड़ की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को 2022 तक अमल में लाया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में मदद के लिए भारत ने पहले ही रूस और फ्रांस के साथ समझौते किए हैं।
सबसे बड़े रॉकेट से होगा प्रक्षेपण
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वास्तविक मानव मिशन से पहले दो बार बिना मानव के मिशन को अंजाम दिया जाएगा, जिनमें प्रक्षेपण यान, मॉड्यूल तथा अन्य सभी उपकरणों सहित पूरी प्रक्रिया वास्तविक मिशन की तरह ही होगी। अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाने वाले मॉड्यूल और अन्य सभी उपकरणों को अंतरिक्ष में वांछित कक्षा तक पहुंचाने के लिए जीएसएलवी एम के-3 प्रक्षेपण यान का इस्तेमाल किया जायेगा। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का सबसे बड़ा रॉकेट है। इसे आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा।
15 अगस्त को पीएम मोदी ने की थी घोषणा
इस साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में घोषणा की थी कि 2022 तक भारत से अंतरिक्षयात्री को अंतरिक्ष भेजा जाएगा। इस ऐलान के चार महीने बाद मंत्रिमंडल ने 'गगनयान' प्रोग्राम को अपनी मंजूरी दे दी है।