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04 May 2023

यूपी STF के एनकाउंटर में गैंगस्टर अनिल दुजाना मारा गया, जमानत पर आया था बाहर; जाने कितने मामले थे दर्ज

ANI

पश्चिमी यूपी का खूंखार गैंगस्टर, अनिल दुजाना यूपी एसटीएफ की मेरठ इकाई के साथ गुरुवार को मुठभेड़ में मारा गया । उसके खिलाफ कई मामले थे, वह एक कॉन्ट्रैक्ट किलर था और उसके खिलाफ हत्या के 18 मामले दर्ज थे।

यूपी एसटीएफ के एडिशनल डीजीपी अमिताभ यश ने कहा, "बृहस्पतिवार की दोपहर मेरठ के एक गांव में वांछित अपराधी अनिल दुजाना को हमारी टीम ने घेर लिया। दुजाना ने बचने के लिए हमारी टीम पर फायरिंग की और जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। उसकी कार खंभे से टकरा गई थी।"

दुजाना को घेरने वाली एसटीएफ टीम का नेतृत्व यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी बृजेश सिंह कर रहे थे। गौतम बुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाने के अंतर्गत दुजाना गांव के रहने वाले अनिल दुजाना पर हत्या और जबरन वसूली के कई मामले दर्ज थे।

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एसटीएफ ने दावा किया कि दुजाना एक "बड़े ऑपरेशन" की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए अपने गिरोह के सदस्यों से मिलने के लिए बागपत से मुजफ्फरनगर जा रहा था। कुमार ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से चार पिस्तौल और कई कारतूस बरामद किए गए हैं।

पुलिस ने कहा कि दुजाना के खिलाफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों और दिल्ली में हत्या के 18 सहित 65 मामले दर्ज थे। उसके खिलाफ पहला मामला गाजियाबाद के कविनगर थाने में 2002 में हत्या का और ताजा मामला इस साल दादरी थाने में कथित जबरन वसूली का दर्ज किया गया था।

गैंगस्टर अनिल दुजाना पिछले काफी समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था, लेकिन कुछ समय पहले वह जमानत पर बाहर आ गया। कुछ दिनों पहले यूपी के टॉप 65 माफियाओं की लिस्ट यूपी सरकार के कार्यालय से जारी की गई थी। इसमें अनिल दुजाना का नाम भी शामिल था। यूपी और दिल्ली की पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। पिछले साल दिल्ली पुलिस ने दुजाना और उसके दो साथियों को गिरफ्तार भी किया था।

एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक, अनिल दुजाना अपने शुरुआती सालों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सुंदर भाटी गिरोह के लिए काम करता था। बाद में वह सुंदर भाटी के खिलाफ हो गया, जिसके परिणामस्वरूप एक गिरोह युद्ध हुआ जो लगभग एक दशक तक चला। अधिकारियों ने कहा कि कई मौकों पर गिरफ्तारी के बावजूद, दुजाना सलाखों के पीछे से भी सक्रिय रहा, यहां तक कि उसने अपने कई प्रतिद्वंद्वियों की हत्या की योजना बनाई और आदेश दिया।

मुठभेड़ राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान के दिन हुई। योगी आदित्यनाथ सरकार का प्रमुख चुनावी मुद्दा कानून और व्यवस्था की "सख्त" हैंडलिंग रहा है। कुछ दिन पहले, गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके साथी को उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया था। कुछ दिनों बाद, अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद को प्रयागराज में तीन लोगों ने गोली मार दी, जब उन्हें पुलिस अस्पताल ले जा रही थी।

 

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OUTLOOK 04 May, 2023
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