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04 February 2025

सुशासन, शिक्षा और नवाचार मिलकर बना सकते हैं एक बेहतर दिल्ली: उपराज्यपाल

स्मार्ट गवर्नेंस केवल नीतियों और प्रशासन तक सीमित नहीं है; यह उन विचारों के बारे में है जो धरातल पर वास्तविक परिवर्तन लाते हैं। यह बात दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आईपी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 'स्मार्ट दिल्ली आइडियाथॉन 2025' के भव्य समापन समारोह में कही। इस प्रतियोगिता का आयोजन दिल्ली में यातायात जाम, कचरा प्रबंधन की समस्या, वायु प्रदूषण, जल संकट और महिलाओं की सुरक्षा जैसी शहरी चुनौतियों के समाधान खोजने के लिए किया गया था।

प्रतियोगिता में जीत हासिल करना सराहनीय है, लेकिन दिल्ली की प्रगति में योगदान देना ही वास्तविक उपलब्धि है। यह एक बड़े बदलाव की शुरुआत है—जहां शासन, शिक्षा और नवाचार एक साथ मिलकर एक बेहतर दिल्ली बनाने के लिए कार्य करेंगे। हमें संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा, नवाचार को अपनाना होगा और विचारों को कार्यान्वित करने के संकल्प के साथ काम करना होगा। उपराज्यपाल ने विज्ञान भवन में मौजूद 1300 से अधिक छात्रों से इस दिशा में आगे बढ़ने की अपील की।

आइडियाथॉन के विजेता:

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आइडिएटर्स, अस्तित्व और MBCL (महिला बचाओ चश्मा लगाओ) को 'स्मार्ट दिल्ली आइडियाथॉन 2025' के विजेता घोषित किया गया। प्रथम पुरस्कार विजेता टीम को उपराज्यपाल ट्रॉफी के साथ 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। द्वितीय और तृतीय पुरस्कार विजेता टीमों को ट्रॉफी के साथ क्रमशः 3 लाख रुपये और 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। इसके अतिरिक्त, सात सांत्वना पुरस्कार के रूप में 20,000/- रुपये प्रत्येक दिए गए। प्रत्येक थीम में तीसरे और चौथे स्थान पर आने वाली टीमों को क्रमशः 10,000/- रुपये और 7,000/- रुपये का पुरस्कार दिया गया।

'स्मार्ट दिल्ली आइडियाथॉन 2025' का उद्देश्य कुछ सबसे प्रतिभाशाली युवा दिमागों को एक मंच प्रदान करना था, ताकि वे नवाचार, प्रौद्योगिकी और नए दृष्टिकोणों के साथ शहरी समस्याओं का समाधान खोज सकें।

गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति पद्मश्री प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा ने दिल्ली के छात्रों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने इस प्रतियोगिता को केवल एक प्रतिस्पर्धा के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में लिया। उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता तीन चरणों में आयोजित की गई थी। इसमें कुल 1008 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जिनमें से केवल 148 दूसरे दौर में पहुंच सकीं और अंत में 10 टीमें फाइनल राउंड में अपने विचार प्रस्तुत करने में सफल रहीं। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का समाधान कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक सतत और प्रगतिशील भविष्य सुनिश्चित करने के लिए एक अनिवार्यता है।

यातायात जाम और पार्किंग की समस्या लंबे समय से शहरों के लिए एक बड़ी चुनौती रही है, जिससे देरी, तनाव और प्रदूषण बढ़ता है। इस प्रतियोगिता में ट्रैफिक हाइव नामक समाधान प्रस्तुत किया गया, जो यातायात सिग्नलों को सिंक्रोनाइज़ करके और वास्तविक समय में पार्किंग की जानकारी देकर शहर में सुगम यातायात सुनिश्चित करेगा।

कचरा प्रबंधन भी एक गंभीर समस्या है, जहां प्रतिदिन हजारों टन कचरा जमा होता है। युवा नवाचारियों ने एआई-आधारित मॉडल प्रस्तुत किए, जो स्रोत पर ही कचरे को अलग करने को बढ़ावा देते हैं। इसमें स्मार्ट बिन, गेमिफिकेशन और डिजिटल प्रोत्साहन का उपयोग किया गया, जिससे जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जेनेटिकली एडवांस्ड शैवाल पैनल आधारित बायोलॉजिकल एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम का सुझाव दिया गया, जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में कई गुना अधिक प्रदूषकों को अवशोषित कर सकता है।

महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एआई-सक्षम स्मार्ट ग्लास पेश किए गए, जो वास्तविक समय में संकट संकेत भेज सकते हैं। इसके अलावा, सीसीटीवी सर्विलांस और आईओटी सेंसर के माध्यम से भविष्यवाणी-आधारित अपराध विश्लेषण तकनीकें प्रस्तावित की गईं, जो सुरक्षा और कानून प्रवर्तन की दक्षता को बढ़ाने में मदद करेंगी।

प्रतियोगिता का आयोजन एवं सहयोग:

इस पहल को गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा समर्थन दिया गया और इसे विश्वविद्यालय के इनक्यूबेशन और इनोवेशन फंड तथा AICTE आइडिया लैब के सहयोग से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का समन्वय प्रो. अमित प्रकाश सिंह और प्रो. अजय सिंघोली ने किया। इस अवसर पर दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा, उच्च शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव नंदिनी पालीवाल, और दिल्ली सरकार द्वारा संचालित सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।

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OUTLOOK 04 February, 2025
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