Advertisement
09 March 2017

गोपाल अंसल को जाना ही होगा जेल, याचिका खारिज

गूगल

न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने नौ फरवरी को बहुमत के फैसले में उम्र संबंधी जटिलताओं को देखते हुए 76 वर्षीय सुशील अंसल को राहत देते हुए उनकी सजा जेल में बिताई गई अवधि तक सीमित कर दी थी जबकि गोपाल अंसल को बाकी बची सजा काटने के लिए चार हफ्ते के अंदर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था।

इसके बाद गोपाल अंसल ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर समानता के आधार पर फैसले में सुधार का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि वह 69 साल के हैं और उन्हें जेल भेजा गया तो उनके स्वास्थ्य की अपूरणीय क्षति होगी। पीठ के याचिका खारिज करने के बाद गोपाल अंसल की तरफ से पेश वरिष्ठ वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने न्यायालय को बताया कि नौ फरवरी के आदेश के मुताबिक गोपाल को चार हफ्तों के अंदर जेल की बची हुई सजा काटने के लिए आत्मसमर्पण करना था। यह अवधि आज खत्म हो रही है।

जेठमलानी ने पीठ से अनुरोध किया कि गोपाल अंसल को आत्मसमर्पण करने के लिए कुछ वक्त दिया जाए। पीठ ने कहा, गोपाल अंसल सजा की बाकी अवधि को पूरा करने के लिए 20 मार्च को समर्पण करेंगे। उपहार सिनेमा हॉल में 13 जून, 1997 को हिंदी फिल्म बॉर्डर के प्रदर्शन के दौरान आग लगने की वजह से 59 लोगों की मौत हो गई थी।

Advertisement

इससे पहले, एसोसिएशन ऑफ विक्टिम ऑफ उपहार ट्रेजडी (एवीयूटी) ने सुशील अंसल की सजा को जेल में बिताई गई अवधि तक सीमित करने के शीर्ष अदालत के आदेश में सुधार का अनुरोध किया था। नीलम कृष्णामूर्ति के नेतृत्व वाले इस संगठन ने याचिका में कहा था कि सुशील और गोपाल अंसल दोनों ही स्वस्थ हैं और उन्हें बाकी बची सजा काटने के लिए जेल भेजा जाना चाहिए।

एसोसिएशन ने अपनी याचिका में कहा, सुशील अंसल द्वारा अपील या पुनर्विचार यचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोई भी ऐसे साक्ष्य या सामग्री अदालत के समक्ष नहीं रखी गईं जो ये संकेत दें कि उन्हें किसी तरह की चिकित्सकीय जटिलताएं हैं। पीड़ितों ने गोपाल अंसल की याचिका का भी विरोध करते हुए कहा था कि सीबीआई और एवीयूटी की पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला पहले ही किया जा चुका है और पुनर्विचार के बाद आए निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: गोपाल अंसल, उपहार अग्निकांड, उच्चतम न्यायालय, सुशील अंसल, राम जेठमलानी, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ, न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल
OUTLOOK 09 March, 2017
Advertisement