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25 July 2018

हिंसक प्रदर्शन के बाद सीएम फडणवीस ने कहा, सरकार मराठा संगठनों से बातचीत को तैयार

File Photo

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे राज्यव्यापी प्रदर्शन में बड़े पैमाने पर हिंसक घटनाएं सामने आईं। मराठा क्रांति मोर्चा ने मुंबई बंद वापस ले लिया है।

वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया है कि सरकार मराठा संगठनों से बात करने को तैयार है। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने मराठा समुदाय द्वारा किए गए प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए कई निर्णय लिए हैं। सरकार उनसे बात करने को तैयार है। सरकार ने मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए एक कानून बनाया था लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने उस पर स्टे लगा दिया।‘

इससे पहले प्रदर्शनकारियों के पथराव में एक कांस्टेबल की मौत हो गई वहीं 9 अन्य घायल हो गए। बुधवार को मराठा क्रांति मोर्चा ने मुंबई बंद का आह्वान किया था। इस दौरान मुंबई में सुबह कई जगहों पर बसों पर पथराव किया गया। इसमें भी कुछ लोगों के जख्मी होने की भी खबर है।

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औरंगाबाद में किसान जगन्नाथ सोनावने ने आरक्षण की मांग को लेकर जहर खा लिया. उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। नवी मुंबई में स्कूल-कॉलेज बंद रखे गए। ठाणे और जोगेश्वरी में लोकल ट्रेनों को भी रोका गया। इस कारण लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

एक परिवहन अधिकारी ने बताया कि मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में आंदोलनकारियों ने नौ सार्वजनिक बसों पर हमला किया। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आंदोलनकर्ताओं और पुलिस के बीच कई स्थानों पर झड़प देखने को मिला। औरंगाबाद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। जालना में, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलीबारी की।

नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मराठा क्रांति मोर्चा ने मुंबई में बंद का आह्वान किया था। एक और संगठन सकल मराठा समाज ने कल नवी मुंबई और पनवेल में बंद आयोजित किया था। एक आंदोलनकारी की मौत के एक दिन बाद, राज्य के केंद्रीय क्षेत्र में औरंगाबाद और आसपास के जिलों में आज के बंद का प्रभाव अधिक दिखाई दे रहा है।

कल एक आंदोलनकर्ता की खुदकुशी के बाद उनके अंतिम संस्कार स्थल के पास तैनात एक कॉन्स्टेबल की मृत्यु हो गई। पुलिस ने कहा कि मौत का कारण अभी तक पता चलना बाकी है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है। कुछ चोटों के निशान उसके हाथों और पैरों पर देखे गए थे।" जबकि आंदोलनकर्ता काकासाहेब शिंदे (27) कल औरंगाबाद में गोदावरी पर एक पुल से आत्महत्या के लिए कूद गए थे।

औरंगाबाद नगर निगम की आम निकाय बैठक में आज शिंदे के रिश्तेदारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया। मराठा समुदाय जो राज्य में आबादी का लगभग 30 प्रतिशत है उन्हें राजनीतिक रूप से प्रभावशाली समुदाय माना जाता हैं। मराठा आरक्षण का मसला राज्य में बेहद विवादास्पद मुद्दा रहा है।

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TAGS: Government, Maharashtra, CM Devendra Fadnavis
OUTLOOK 25 July, 2018
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