दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पर कॉलेजियम की सिफारिश को केंद्र सरकार ने लौटाया
केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के पद पर जस्टिस अनिरुद्ध बोस की नियुक्ति करने के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को वापस लौटा दिया है। सरकार ने पांच महीने तक फाइल को लंबित रखने के बाद कॉलेजियम से अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है।
सरकार की ओर से तर्क यह दिया गया है कि बोस के पास चीफ जस्टिस के तौर पर कोई अनुभव नहीं है जिस कारण से वह प्रमुख हाईकोर्ट का पद संभाल सकें। बोस इस समय कलकत्ता हाई कोर्ट से जस्टिस हैं और 2004 से जस्टिस के तौर पर काम कर रहे हैं। सरकार की मंशा है कि कॉलेजियम 59 साल के जस्टिस बोस की जगह दिल्ली होई कोर्ट के चीफ जस्टिस के लिए किसी और नाम पर विचार करे। दिल्ली होईकोर्ट में एक साल से भी ज्यादा समय से कोई पूर्णकालिक चीफ जस्टिस नहीं है। इस समय जस्टिस गीता मित्तल दिल्ली हाई कोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस हैं। वह अप्रैल 2017 से ही इस पद पर काम कर रही हैं।
पिछले दिनों सरकार ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने के नाम की सिफारिश लौटा दी थी। हालांकि, 11 मई को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने एक बार फिर जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश भेजी थी।