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09 February 2019

राजस्थान में फिर गर्माया गुर्जर आरक्षण का मुद्दा, रेल पटरियों पर बैठे आंदोलनकारी

ANI

राजस्थान में गुर्जर आरक्षण का मुद्दा फिर गर्मा गया है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने आरक्षण की अपनी पुरानी मांग को लेकर फिर आंदोलन शुरू कर दिया है। शुक्रवार शाम से शुरू हुआ आंदोलन शनिवार को भी जारी है। गुर्जर समुदाय के सदस्य सवाई माधोपुर के मकसूदनपुरा में रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर तंबू लगाए हुए हैं। कोटा संभाग में पश्चिम मध्य रेलवे की कई ट्रेनों का रूट बदला गया है। एक ट्रेन रद्द की गई है।

कई ट्रेनों का बदला रूट

गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने इस बार के आंदोलन को ‘आर-पार की लड़ाई’ बताया है। बैंसला सवाई-माधोपुर जिले में मलारना डूंगर के पास समर्थकों के साथ रेल लाइन पर बैठे हुए हैं। गुर्जर नेताओं ने महापंचायत के बाद शुक्रवार से आंदोलन शुरू करने का फैसला किया। इसके बाद आंदोलनकारियों ने बयाना, गंगापुर एवं सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशनों पर कई सवारी रेलगाड़ियों को रोक दिया।

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सवाई-माधोपुर स्टेशन पर अवध एक्सप्रेस, बयाना जंक्शन पर चंडीगढ़-कोच्चि एक्सप्रेस और हिंडौन रेलवे स्टेशन पर जनशताब्दी एक्सप्रेस को रोक लिया। मुंबई की ओर से दिल्ली जाने वाली रेलगाड़ियों को भी रोक लिया गया है। रेलमार्ग अवरुद्ध होने से कई रेलगाड़ियों का रास्ता बदल दिया गया है। 

इस बार आर-पार की लड़ाईः बैंसला

इससे पहले गुर्जर आरक्षण आंदोलन के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने चेतावनी दी कि जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता वह पटरी से नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि अजमेर-जयपुर, टोंक-जयपुर, दौसा-जयपुर, कोटपुतली- राजमार्ग और रेल यातायात अवरुद्ध भी किया जाएगा। रेल पटरी पर बैठने के बाद बैंसला ने कहा कि यह आर-पार की लड़ाई है। राज्य सरकार को अपने वादे पर खरा उतरना चाहिए।

भर्ती परीक्षाएं टली

राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग  जयपुर और कोटा में होने वाली एग्रीकल्चर सुपरवाइजर सीधी भर्ती 2018 की परीक्षा स्थगित कर दी है। इसके अलावा अजमेर में होने वाली सुपरवाइजर (आंगनवाड़ी वर्कर) भर्ती परीक्षा भी टाल दी गई है। परीक्षा की नई तिथि के बारे में जल्द ही आवेदकों को सूचित किया जाएगा।

काफी पुरानी है मांग

गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गड़िया लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है।

गुर्जरों की आरक्षण की मांग काफ़ी पुरानी है। इसके लिए वे 2007 से 2015 तक लगातार कई बार आंदोलन कर चुके हैं। साल 2007 और 2008 के आंदोलनों के दौरान तो 70 से ज्यादा लोग पुलिस और सुरक्षाबलों की सख़्ती से मारे भी गए थे। इस आंदोलन के दौरान रेल और सड़क यातायात रोकना सामान्य बात हो चुकी है। साल 2010 और 2015 के आंदोलनों में भी यही स्थिति बनी थी।

 

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TAGS: Gujjars, block, Delhi, Mumbai, rail, route, quota, demand, trains, affected
OUTLOOK 09 February, 2019
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