गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय ने क्यूएस एशिया रैंकिंग में लगाई बड़ी छलांग, कुलपति बोले- यह उपलब्धि सामूहिक प्रयासों का नतीजा
नई दिल्ली। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) ने क्यूएस एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग 2025 में बड़ी छलांग लगाई है। यूनिवर्सिटी ने एशिया में 320वां और दक्षिण एशिया में 81वां स्थान हासिल किया है। इस रैंकिंग के पिछले संस्करण में, विश्वविद्यालय दक्षिण एशिया में 143वें और एशिया में 500-550 के बीच था।
इस रैंकिंग में विश्वविद्यालय का उछाल शैक्षिक मानकों में सुधार, अनुसंधान को बढ़ावा देने और अर्थपूर्ण सहयोग को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की वजह से हो पाया है। एशिया के 984 विश्वविद्यालयों में से जीजीएसआईपीयू की बढ़त इसकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रभावी अनुसंधान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
विश्वविद्यालय के कुलपति पद्मश्री प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा ने कहा, "यह उपलब्धि हमारे सामूहिक प्रयासों को दर्शाती है जिससे अनुसंधान में सुधार, छात्रों के शिक्षा परिणामों में सुधार और वैश्विक भागीदारों के साथ प्रभावी सहयोग हो।"
जीजीएसआईपीयू की क्यूएस एशिया रैंकिंग में सुधार विभिन्न संकेतकों में प्रगति को दर्शाता है, जिनमें शैक्षिक और नियोक्ता प्रतिष्ठा, प्रति संकाय पत्र और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क शामिल हैं। विश्वविद्यालय ने एशिया में प्रति संकाय पत्र के लिए 136वां स्थान हासिल किया, जो इसकी बढ़ती अनुसंधान प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
क्यूएस ने विश्वविद्यालय को "ग्लोबल एंगेजमेंट - परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट" श्रेणी में क्यूएस रिकॉग्निशन अवार्ड से भी सम्मानित किया है। यह पुरस्कार विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग विकसित करने और वैश्विक अनुसंधान पहलों में विविधता और अंतर्विषयकता को बढ़ावा देने की पहल को दर्शाता है।
क्यूएस वर्ल्ड विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग 2025 में, विश्वविद्यालय ने "राइजिंग स्टार अवार्ड" हासिल किया था। प्रोफेसर वर्मा ने इस सफलता को हाल के नैक ए++ मान्यता से जोड़ा, जिसने अकादमिक समुदाय में विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को और मजबूत किया है।
उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य इस गति को बनाए रखना और सभी मैट्रिक्स में सुधार करना है, चाहे वह अनुसंधान हो, शिक्षा की गुणवत्ता हो या रोजगार की क्षमता।" उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य उद्योग की मांगों को पूरा करने के लिए योग्य पेशेवर तैयार करना है।ग्लोबल सहयोगियों से रिश्तें और मज़बूत कर शिक्षण और शोध में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनानी है।यह उपलब्धि एक शुरुआत है।अभी हमें कई और मंज़िले तय करनी हैं।