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28 February 2020

भड़काऊ भाषण केस: सोनिया, सिसोदिया सहित अन्य के खिलाफ FIR की मांग पर HC का केंद्र-दिल्ली सरकार को नोटिस

file photo

दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस और एआईएमआईएम के कई नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। शुक्रवार को एक याचिका में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, नेता अकबरुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान के खिलाफ हिंदू सेना की तरफ से भड़काऊ भाषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी, जिस पर सुनवाई हुई।

बता दें, मंगलवार को दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 250 से अधिक घायल है। हुए दंगे में उन्मादी भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों, पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा ने मुख्य रूप से दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांद बाग और शिव विहार को अपने चपेट में ले लिया।

आप नेता पर भी एफआईआर दर्ज करने की मांग

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दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरि शंकर की पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी किया है। याचिका में इन नेताओं के अलावा आम आदमी पार्टी (आप) नेता व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ भड़काऊ भाषण को लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई। इसके अलावा याचिका में भड़काऊ भाषणों को देखने के लिए एक विशेष जांच दल का गठन करने की भी मांग की गई।

बीजेपी के तीन नेताओं पर एफआईआर दर्ज 

इससे पहले दिल्ली हिंसा मामले में हाई कोर्ट ने बुधवार को भाजपा नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा द्वारा भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने और गुरुवार तक इस बारे में अवगत कराने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने तीनों नेताओं के भाषणों की वीडियो क्लिप भी देखी थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस एस मुरलीधर और अनूप जे भंभानी की पीठ ने पूछा कि वीडियो क्लिप में कपिल मिश्रा के साथ दिख रहा अफसर कौन है, जिसके बाद विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने कहा कि वह खुद पुलिस कमिश्नर के साथ बैठेंगे और सभी वीडियो क्लिप देखने के बाद एफआईआर दर्ज करने के बारे में फैसला लेंगे। हालांकि, कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर निराशा भी जताई थी। अब इस मामले की सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।

‘दिल्ली में एक और 1984 नहीं होने देंगे'

इससे पहले कोर्ट ने बुधवार को कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि दिल्ली में दूसरा '1984' नहीं होने देंगे। मालुम हो कि 1984 सिख दंगा में सैकड़ों लोग मारे गए थे। कोर्ट ने कहा कि सीएम और डिप्टी सीएम को लोगों को विश्वास दिलाने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा करना चाहिए। 

 

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TAGS: Hate Speech, High Court, notice to Centre, Delhi govt, police, seeking FIR, Asaduddin, Sonia Gandhi
OUTLOOK 28 February, 2020
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