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31 August 2018

कुपोषण के कारण होने वाली मौतें के लिए अध्ययन कराए महाराष्ट्र सरकार: बॉम्बे हाईकोर्ट

महाराष्ट्र सराकर से बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा है कि क्या सरकार ने किसी विशेषज्ञ संस्था या संगठन द्वारा विदर्भ और अन्य जनजातीय इलाकों में कुपोषण से होने वाली मौतें और इसके कारणों को लेकर कोई वैज्ञानिक अध्ययन कराया गया है?
जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एक पीआइएल पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार से यह सवाल पूछा है। इस पीआइएल में महाराष्ट्र की जनजातीय पट्टी में कुपोषण के कारण होने वाली मौंतों में वृद्धि और उससे होने वाली बीमारियों पर ध्यान खींचने की कोशिश की गई है।

न्यायालय ने न सिर्फ अध्ययन के बारे में पूछा बल्कि सरकार से यह भी कहा कि वह इस संबंध में कुछ सुझाव लेकर भी आए।

जस्टिस ओका के अनुसार “हमें ऐसे स्वतंत्र वैज्ञानिक अध्ययन की जरुरत जो किसी विशेषज्ञ एजेंसी द्वारा किया गया हो। आईआईटी और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सोइंसेज जैसे संस्थान इस दिशा में चुने जा सकते हैं और उनकी स्पेशल टीम इलाकों में जाकर स्वास्थ्य और कुपोषण के मसलों पर वस्तुस्थिति देख सकती है और बता सकती है कि क्या किया जाना चाहिए।“

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याचिकाकर्ता पूर्णिमा उपाध्याय ने बताया कि कुपोषण की समस्या न सिर्फ बच्चों तक सीमित रही है बल्कि यह वयस्कों को भी अपनी चपेट में ले रही है।

इस मामले पर अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी।

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TAGS: कुपोषण, महाराष्ट्र, महाराष्ट्र सरकार, बॉम्बे हाईकोर्ट, विदर्भ, malnutrition
OUTLOOK 31 August, 2018
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