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10 January 2020

राम मंदिर ट्रस्ट से पहले बढ़ी महंत नृत्यगोपाल दास की सुरक्षा, मिली 'जेड प्लस' सुरक्षा

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राम मंदिर ट्रस्ट से पहले बढ़ी महंत नृत्यगोपाल दास की सुरक्षा, मिली 'जेड प्लस'

अयोध्या जमीन विवाद को लेकर 9 नवंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर ट्रस्ट बनने से पहले ही श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शुक्रवार को महंत नृत्यगोपाल दास को 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। अब उनकी सुरक्षा में 14 गार्ड रहेंगे। पांच कमांडों उनके साथ चलेंगे।

दरअसल, अभी तक उन्हें सरकार की तरफ से वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। चर्चा है कि, राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र को निर्देशित ट्रस्ट गठन में महंत नृत्य गोपाल को जगह मिल सकती है। बता दें कि विश्व हिंदू परिषद ने महंत नृत्यगोपाल दास के लिए गृह मंत्रालय से सुरक्षा मांगी थी।

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सीएम योगी ने मंदिर-मस्जिद से जुड़े पक्षकार और पैरोकार की सुरक्षा का किया था रिव्यू

सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम जन्मभूमि पर फैसले के बाद लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर-मस्जिद से जुड़े पक्षकार और पैरोकार की सुरक्षा का रिव्यू किया था। सीएम योगी के सुरक्षा रिव्यू के बाद मंदिर-मस्जिद से जुड़े 18 पक्षकार और पैरोकार की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया था। अयोध्या जिला प्रशासन ने सभी 18 लोगों को गनर उपलब्ध कराया था।

ट्रस्ट की जरूरत नहीं: गोपाल दास

इससे पहले अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने नवंबर में कहा था कि राम मंदिर बनाने के लिए किसी नए ट्रस्ट की जरूरत नहीं है। उनका ट्रस्ट ही मुख्य कर्ताधर्ता रहेगा. जरूरत पड़ने पर और लोगों को शामिल किया जा सकता है।

9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला

बीते 9 नवंबर सुप्रीम कोर्ट ने श्रीराम जन्मभूमि/बाबरी केस में अपना फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, अयोध्या श्रीराम की जन्मभूमि है। मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार तीन माह में ट्रस्ट का गठन करे। जबकि मस्जिद निर्माण के लिए प्रदेश सरकार पांच एकड़ जमीन मुस्लिम पक्षकारों को मुहैय्या कराए। इसके बाद महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा था- हमारी अध्यक्षता में ही राम मंदिर बनेगा। ट्रस्ट में जिसको शामिल होना होगा, चाहे पीएम हों या सीएम आ जाएंगे। नया ट्रस्ट बनाने की जरुरत नहीं है।

इसके बाद ट्रस्ट में शामिल होने के लिए अयोध्या में माहौल गर्म है। श्रीराम जन्मभूमि न्यास, श्रीराम जन्मभूमि रामालय न्यास और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास के बीच दावेदारी को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इन बड़े मठों के बीच जुबानी लड़ाई में अयोध्या के साधु संत परेशान हैं।

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OUTLOOK 10 January, 2020
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