Advertisement
18 December 2019

जामिया हिंसा पर सुनवाई करेगा हाईकोर्ट, फैक्ट फाइडिंग कमेटी से जांच कराने के लिए दायर है याचिका

File Photo

जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हिंसा की घटना की जांच तथ्य अन्वेषण समिति (फैक्ट फाइंडिंग कमिटी) से करवाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट सुनवाई करने के लिए बुधवार को सहमत हो गया। याचिका अधिवक्ता रिजवान ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष पेश की। कोर्ट ने इसे गुरुवार के लिए सूचीबद्ध करने की इजाजत दी।

याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में छात्रों पर कथित रूप से गोली चलाने समेत पुलिस की कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की गई है। इसमें घायल छात्रों को उचित चिकित्सीय उपचार और मुआवजा देने की भी मांग की गई है। अधिकारियों ने बताया कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में जामिया विश्वविद्यालय के निकट न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। इसमें प्रदर्शनकारियों ने चार सरकारी बसों और पुलिस के दो वाहनों को आग लगा दी थी। इस घटना में छह पुलिसकर्मी और दो दमकलकर्मी घायल हो गए थे। यह घटना जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान हुई।

हालांकि छात्र संघ ने बाद में कहा कि हिंसा और आगजनी से उनका कोई लेनादेना नहीं है और प्रदर्शन में गड़बड़ी फैलाने के लिए कुछ तत्व इसमें घुस आए थे।

Advertisement

मंगलवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था 

इससे पहले मंगलवार को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया यूनिवर्सिटी इलाके में हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं पर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट में अपील करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट ही गिरफ्तारी पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जहां-जहां प्रदर्शन के मामले सामने आए हैं, याचिकाकर्ता संबंधित हाईकोर्ट में जाएं। कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की नियुक्ति कर सकता है। कोर्ट ने हिंसा करने वाले छात्रों की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई है।  

 

मंगलवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि विभिन्न जगहों पर घटनाएं हुई हैं इसलिए जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तेलंगाना एनकाउंटर मामले में, एक आयोग मामले को देख सकता है। इस मामले में विभिन्न हिस्सों में विभिन्न घटनाएं हुई हैं और एक आयोग के पास उस प्रकार का अधिकार क्षेत्र नहीं हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था हाईकोर्ट कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले पर जांच को लेकर हाईकोर्ट कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है और हाईकोर्ट इस पर समिति के गठन का ऐलान कर सकता है। छात्रों की ओर से वकील इंदिरा जयसिंह सहित दो वकील पेश हुए थे। उनका कहना था कि बिना वाइस चांसलर की बिना अनुमति के पुलिस कैंपस में नहीं घुस सकती है।

जब सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा- ये मामला हाईकोर्ट क्यों नहीं गया?

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वो पहले उन्हें समझाएं कि उनकी याचिका क्यों सुनी जाए। चीफ जस्टिस बोबड़े ने कहा कि ये मामला हाईकोर्ट क्यों नहीं गया? याचिकाकर्ता से अदालत ने कहा था कि आपको लीगल सिस्टम समझना होगा। ऐसे मामलों से आप हमें ट्रायल कोर्ट बना रहे हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Hearing, Jamia violence, Delhi High Court, today, Supreme Court, HC, free, take decision, related, investigation
OUTLOOK 18 December, 2019
Advertisement