पवर्तारोहियों को मिला 50 साल पहले प्लेन क्रैश में शहीद हुए सैनिक का शव
हिमाचल प्रदेश में पर्वतारोहियों के एक दल को भारत चीन सीमा पर स्थित ढाका ग्लेशियर में 50 साल पहले दुर्घटनाग्रस्त वायु सेना के एएन-12 विमान के अवशेष और बर्फ में दबा एक शव मिला है। एयरफोर्स के इस विमान में 102 लोग सवार थे जब यह चंढीगढ़ से लेह जा रहा था।
पर्वतारोहियों की एक दल 1 जुलाई को चंद्रभागा-13 चोटी के लिए सफाई अभियान पर थी। अवशेष ढाका ग्लेशियर बेस शिविर में समुद्र तल से 6,200 मीटर ऊपर पाए गए हैं। दल का नेतृत्व राजीव रावत कर रहे थे। दल को पहले विमान के कुछ हिस्से मिले। इसके बाद उससे कुछ दूरी पर दल के सदस्यों ने एक सैनिक के शरीर को देखा।
विमान के मलबे की तस्वीरें लेने के बाद 16 जुलाई को सेना के हाई ऑल्टीट्यूड वॉर स्कूल को सतर्क कर दिया, जिसके बाद उसके कर्मियों ने क्षेत्र में खोज शुरू कर दी। यह विमान हादसा दशकों से साजिश का विषय रहा है। खराब मौसम के कारण लेह के पास आने के बाद पायलट ने वापस लौटने का फैसला किया था लेकिन इसके बाद 98 यात्रियों और चार चालक दल के सदस्यों के साथ सोवियत संघ निर्मित विमान 7 फरवरी, 1968 को गायब हो गया था। ये विमान रोहतांग पास पर था जब उसने अपना अंतिम रेडियो संपर्क बनाया था।
साल 2003 में भी दक्षिणी ढाका ग्लेशियर में हवाई जहाज के मलबे की खोज एबीवी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड अलाइड स्पोर्ट्स मनाली के अभियान द्वारा की गई थी। उस दौरान भी पर्वतारोहियों को एक शरीर के अवशेष भी मिलते हैं। जिसकी पहचान बाद में विमान में उड़ान भरने वाले सिपाही बेली राम के रूप में हुई थी।