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17 July 2025

हिमाचल प्रदेश : सुक्खू सरकार की बड़ी जीत, कड़छम-वांगतू से अब मिलेगी 18 प्रतिशत रॉयल्टी

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से एक महत्वपूर्ण कानूनी सफलता मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने कड़छम- वांगतू जलविद्युत परियोजना से रॉयल्टी को लेकर राज्य सरकार के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है। इस फैसले के तहत अब जेएसडब्ल्यू एनर्जी कंपनी को 1045 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना से राज्य को 12 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत रॉयल्टी देनी होगी।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कड़छम-वांगतू पर इस निर्णय से प्रदेश सरकार को लगभग 150 रुपए करोड़ की वार्षिक अतिरिक्त आय होगी। इसके अतिरिक्त बारह वर्ष पूर्ण कर चुकी अन्य परियोजनाओं के लिए भी सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मील का पत्थर बनेगा और राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से खजाने में प्रति वर्ष 250 करोड़ से अधिक की आय आएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को व्यक्तिगत प्राथमिकता पर लिया और प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों पर राज्य के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ प्रयास किए। यह फैसला न केवल प्रदेश की आय में वृद्धि करेगा, बल्कि हिमाचल की जनता को उनके संसाधनों का वास्तविक लाभ भी दिलाएगा।

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मई 2024 में आए आदेश को निरस्त करता है, जिसमें कंपनी को केवल 12 प्रतिशत रॉयल्टी देने की अनुमति दी गई थी। वर्ष 1999 में राज्य सरकार और कंपनी के बीच हुए समझौते के अनुसार परियोजना के पहले 12 वर्षों तक 12 प्रतिशत और उसके बाद शेष 28 वर्षों तक 18 प्रतिशत रॉयल्टी निर्धारित की गई थी। सितम्बर 2011 में परियोजना के संचालन के आरंभ होने के बाद कंपनी ने 12 वर्षों तक 12 प्रतिशत रॉयल्टी दी, लेकिन सितम्बर 2023 से अतिरिक्त 6 प्रतिशत रॉयल्टी देने से इनकार कर दिया। विवाद हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में पहुंचा और कंपनी की जीत हुई। लेकिन राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

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मुख्यमंत्री सुक्खू के निर्देश पर सरकार ने देश के अग्रणी विधि विशेषज्ञों की मदद से यह मामला सशक्त रूप से रखा और अंततः न्यायालय ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, प्राग त्रिपाठी, महाधिवक्ताा अनूप कुमार रतन तथा अतिरिक्त महाधिवक्ता बैभव श्रीवास्तव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए।

प्रवक्ता ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार लगातार राज्य हितों की प्रभावी पैरवी कर रही है और यह निर्णय उसी दिशा में एक मजबूत कदम है, जिससे हिमाचल प्रदेश अपने हकों की पुनः प्राप्ति में सफल हो रहा है।

इससे पहले भी वर्तमान राज्य सरकार ने मजबूत इच्छा शक्ति का प्रदर्शन करते हुए वर्ष 2002 से कानूनी विवाद में उलझे होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल केस का फैसला भी कोर्ट से अपने हक में करवाया, जिसमें हिमाचल प्रदेश सरकार और एक निजी होटल समूह के बीच स्वामित्व व प्रबंधन अधिकारों को लेकर लड़ाई चल रही थी। कोर्ट के निर्णय के बाद यह संपत्ति अब फिर से राज्य सरकार के नियंत्रण में आ गई है, जिससे भविष्य में इस हेरिटेज प्रॉपर्टी से सरकार को राजस्व लाभ मिलेगा।

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TAGS: Himachal Pradesh, Shimla SC Orders 18% Royalty, Himachal Wins ₹250 Cr Battle Against JSW,
OUTLOOK 17 July, 2025
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