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09 December 2019

अयोध्या मामले पर हिंदू पक्ष की तरफ से आज दायर होगी पहली पुनर्विचार याचिका

File Photo

 अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में नया मोड़ आ गया है। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बाद अब हिंदू महासभा भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने जा रहा है। 9 नवंबर को अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने की बात की थी। अब हिंदू महासभा फैसले के इसी हिस्से को लेकर दोबारा सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। बता दें कि अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के एतिहासिक निर्णय को आज एक महीना पूरा हो गया है।

5 एकड़ जमीन देने के फैसले के खिलाफ आज पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे

हिंदू महासभा के वकील विष्णु जैन ने यह जानकारी दी। जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुस्लिम पक्ष को अयोध्या या किसी अन्य जगह पर जहां बोर्ड को सही लगे 5 एकड़ जमीन देने के फैसले के खिलाफ आज पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे।

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वहीं, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने मांग की कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या की नगर पालिका की सीमा से बाहर जमीन आवंटित की जाए। केंद्रीय विहिप के उपाध्यक्ष चंपतराय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए गठित होने वाले न्यास का अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए।

चंपतराय ने पत्रकारों से कहा कि पहले अयोध्या एक छोटी नगरपालिका थी लेकिन दिसंबर 2018 में अयोध्या और फैजाबाद नगरपालिकाओं को मिलकर एक निगम बना दिया गया। बहरहाल, सुन्नी वक्फ बोर्ड को पुरानी अयोध्या नगरपालिका की सीमा के बाहर पांच एकड़ जमीन आवंटित करनी चाहिए।

राम मंदिर निर्माण के काम को देखने के लिए प्रस्तावित न्यास का प्रमुख भागवत को बनाने की कुछ साधुओं की मांग पर चंपतराय ने कहा कि यह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यास जनवरी 2020 तक गठित हो सकता है। मुस्लिम पक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने के सवाल पर चंपतराय ने कहा कि यह उनका कानूनी अधिकार है।

चंपतराय ने कहा, ‘ऐसे कदमों से हम प्रभावित नहीं होंगे। मुझे लगता है कि अगर कोई टंकण की गलती होगी या वाक्य विन्यास सही नहीं होगा या अदालत ने किसी दलील की व्याख्या नहीं की होगी, उसपर पुनर्विचार होगा। यह मैं आम आदमी के तौर पर कह रहा हूं।'

9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर सुनाया था फैसला  

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को अयोध्या में विवादित जमीन को राममंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या की विवादित ढांचे वाली जमीन को रामलला विराजमान को दिया था। वहीं, इसके बदले में मस्जिद के लिए मुस्लिमों को अदालत ने पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। बता दें कि मुस्लिम पक्षों ने भी सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी है। मुस्लिम पक्षकारों की ओर से चार से पांच पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई है।

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TAGS: Hindu Mahasabha said, file review petition, challenging, SC decision, granting, 5 acres, land to the Muslim
OUTLOOK 09 December, 2019
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