नोटबंदी : नवजात बच्ची की मौत, अस्पताल ने पुराने नोट लेने से किया इनकार
हालांकि, रूबी हाॅल क्लीनिक ने बच्ची के रिश्तेदारों के इस दावे का खंडन किया है कि चलन से बाहर हो चुके 1,000 और 500 के नोटों को आंशिक भुगतान के रूप में स्वीकार किये जाने के अनुरोध को ठुकरा दिया गया था। दरअसल, बच्ची को सर्जरी के लिए रूबी हाॅल क्लीनिक में भर्ती कराया जाना था।
मृतक बच्ची की मां आम्रपाली और पिता गौराब कुंटे के एक करीबी रिश्तेदार ने बताया कि चिकित्सकों ने बच्ची के दिल की सर्जरी के लिए उसे रूबी हाॅल क्लिनिक में भर्ती कराने की सलाह दी थी।
सुधाकर गवंदगवे ने दावा किया, जब शनिवार की सुबह हम रूबी हाॅल क्लीनिक गये, तब रकम भुगतान विभाग ने हमें किसी भी तरह के इलाज के लिए 3.5 लाख रूपया जमा करने कहा। उन्होंने बताया, फिर हमने चलन से बाहर हो चुके 500 और 1,000 रुपये के नोटों के रूप में एक लाख रुपये के भुगतान को स्वीकर करने का अनुरोध किया लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इन नोटों को स्वीकार करने से मना कर दिया।
उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची के माता पिता ने आंशिक रकम चेक और कार्ड से भी अदा करने की पेशकश की और शेष रकम दूसरे चेक से भुगतान करने की इजाजत देने का अनुरोध किया जिसके लिए सोमवार को बैंक में पुराने नोट जमा करने पड़ते। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने उनकी पेशकश ठुकरा दी और इसके बजाय पूरी रकम मांगी। इस प्रक्रिया में बेशकीमती समय बर्बाद हो गया। वे बच्ची को भर्ती कराने के लिए यहां वहां दौड़ते रहें।
वहीं, संपर्क किए जाने पर रूबी हाॅल क्लीनिक के मेडिकल सेवा निदेशक डाॅ संजय पथारे ने दावों को बेबुनियाद और भूूठा बताते हुए खारिज कर दिया। भाषा एजेंसी