भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा पर राजनाथ सिंह ने की शांति की अपील
एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में दलित संगठन सोमवार को देशभर में प्रदर्शन कर रह हैं। विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक रुप भी अख्तियार करने लगा है। प्रदर्शनकारियों द्वारा कहीं ट्रेनें रोकी जा रही हैं, तो कहीं आगजनी और तोड़फोड़ को अंजाम दिया जा रहा है। भारत बंद के आह्वान के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें भी देखी गई हैं। इस बीच मुरैना में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई।
इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शांति बहाल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। मैं सारी राजनीतिक पार्टियों और समूहों से अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें और हिंसा न करें।
We have filed the review petition in Supreme Court. I appeal to all political parties & groups to maintain peace and not incite violence: Union Home Minister Rajnath Singh on #BharatBandh over SC/ST protection act pic.twitter.com/H9hTMCa9oN
— ANI (@ANI) April 2, 2018
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि हमने एससी-एसटी एक्ट सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। सरकार के सीनियर वकील इसे कोर्ट के सामने पेश करेंगे।
I wish to convey that today we've filed a petition on the judgement by Supreme Court on the SC/ST act. We have filed a comprehensive review petition which will be presented before the court by the senior lawyers of the government: Ravi Shankar Prasad, Union Law Minister #SCSTAct pic.twitter.com/d7fzlUtTHy
— ANI (@ANI) April 2, 2018
वहीं, इस पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारें पिछड़ी जातियों और एससी-एसटी के भले के लिए समर्पित हैं। अगर कोई मुद्दे हैं तो उन्हें आप सरकार के संज्ञान में ला सकते हैं।
The central & state govts are dedicated towards the welfare of backward castes, SC & ST. I appeal to all to not disturb the law & order. If at all there are any issues you can bring them to govt's notice: UP CM Yogi Adityanath #BharatBandh (File Pic) pic.twitter.com/NJm7xWCmYN
— ANI UP (@ANINewsUP) April 2, 2018
गौरतलब है कि एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ आज पूरे देश में दलित सड़कों पर हैं। कई शहरों से हिंसक झड़पों की खबरें सामने आ रही हैं। दलित संगठनों के इस देशव्यापी आंदोलन को अब राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को महाराष्ट्र के एक मामले को लेकर एससी-एसटी एक्ट में नई गाइडलाइन जारी की थी, जिसके तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम-1989 के दुरुपयोग पर बंदिश लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था। इसमें कहा गया था कि एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी। पहले आरोपों की जांच डीएसपी स्तर का अधिकारी करेगा। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तभी आगे की कार्रवाई होगी।