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02 April 2018

एससी-एसटी प्रदर्शन को मेरा समर्थन लेकिन हिंसा की निंदा करती हूं: मायावती

File Photo

एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में दलित संगठन सोमवार को देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक रुप भी अख्तियार करने लगा है। प्रदर्शनकारियों द्वारा कहीं ट्रेनें रोकी जा रही हैं, तो कहीं आगजनी और तोड़फोड़ को अंजाम दिया जा रहा है। भारत बंद के आह्वान के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें भी देखी गई हैं।

इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस आंदोलन का समर्थन किया है लेकिन उन्होंने हिंसा की निंदा की है।

मायावती ने कहा, 'मैं एससी-एसटी एक्ट के विरोध में प्रदर्शन का समर्थन करती हूं। मुझे पता चला है कि कुछ लोग प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैला रहे हैं। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं। इस हिंसा के पीछे हमारी पार्टी नहीं है। जो लोग हिंसा फैला रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।'

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इससे पहले, इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शांति बहाल करने की अपील की।

बता दें कि केंद्र सरकार ने एससी-एसटी एक्ट पर पुनर्विचार याचिका कोर्ट में दाखिल की थी, जिस पर त्वरित सुनवाई से कोर्ट ने इनकार कर दिया है।

एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ आज पूरे देश में दलित सड़कों पर हैं। कई शहरों से हिंसक झड़पों की खबरें सामने आ रही हैं। दलित संगठनों के इस देशव्यापी आंदोलन को अब राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को महाराष्ट्र के एक मामले को लेकर एससी-एसटी एक्ट में नई गाइडलाइन जारी की थी, जिसके तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम-1989 के दुरुपयोग पर बंदिश लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था। इसमें कहा गया था कि एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी। पहले आरोपों की जांच डीएसपी स्तर का अधिकारी करेगा। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तभी आगे की कार्रवाई होगी।

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TAGS: SC/ST Act, bsp, mayawati, bharat bandh, supreme court
OUTLOOK 02 April, 2018
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