पाक का एफ-16 विमान मार गिराने का हमारे पास सबूत, अभिनंदन की वापसी से खुशी: वायुसेना
प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद में ऐलान किया कि बंदी बनाए गए विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को शुक्रवार को भारत को सौंपा जाएगा। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान शांति का संदेश देने के लिए यह कदम उठा रहा है। इससे पहले भारत ने पाकिस्तान से कहा कि वह तत्काल और बिना शर्त अभिनंदन को रिहा करे। वहीं, आज तीनों सेनाओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें वायु सेना ने कहा कि अभिनंदन की वापसी से हमें खुशी है।
'हमने पाकिस्तान का एफ-16 गिराया'
एयर वाइस मार्शल आर जी के कपूर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "27 फरवरी को 10 बजे भारतीय रडारों ने पाकिस्तानी विमानों की हलचल को देखा था। राजौरी और सुंदरबनी में इन विमानों ने घुसपैठ की। मिग-21 बाइसन, सुखाई-30 और मिराज-2000 को ये घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी दी गई। सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया गया। उनके गिराए बमों से हमारे ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। उनका एफ-16 विमान हमारे मिग-21 ने गिराया। इसका सबूत हमारे पास है। हमारा मिग पीओके में गिरा। एरियल इंगेजमेंट में एक पायलट पीओके में गिरा, जहां से उसे कस्टडी में लिया गया।''
पाकिस्तान ने तीन झूठ बोले: वायुसेना
आर जी के कपूर ने कहा, ''पाकिस्तान ने कई झूठे बयान दिए। 2 एयरक्राफ्ट मार गिराने और 3 पायलट मार गिराने की बात गलत थी। पाकिस्तान ने बाद में कहा कि एक भारतीय पायलट उनकी कस्टडी में है। शाम को उन्होंने सच को कबूल किया।'' उन्होंने कहा कि गैर रिहायशी और गैर सैन्य इलाके में उन्होंने बम गिराए, जबकि ये सभी बम भारतीय सेना के कैम्पस में गिरे थे।
उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान ने कहा था कि कोई एफ-16 इस्तेमाल नहीं किया था। लेकिन, इसके सबूत इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर, मिसाइलों के टुकड़ों से ये साबित हो गया कि पाकिस्तान ने एफ-16 का इस्तेमाल किया। हमें एफ-16 को मार गिराने का भी सबूत मिला। पाकिस्तान ने पायलट अभिनंद को लौटाने की घोषणा की है। वायुसेना इससे काफी खुश है।''
पाक ने सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की: थल सेना
थल सेना के मेजर जनरल सुरेंदर सिंह महल ने कहा, "पाकिस्तान ने 26 फरवरी से 35 बार सीजफायर का उल्लंघन किया। उन्होंने इसी तारीख को रात में भी सीजफायर तोड़ा, जिसका जवाब भारतीय सेनाओं ने माकूल तरीके से किया। 27 को उनकी वायुसेना ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। इनमें ब्रिगेड हेडक्वॉर्टर, बटालियन हेडक्वार्टर और दूसरे सैन्य ठिकाने शामिल थे।''
उन्होंने कहा, "हमारी सतर्कता के चलते ये कोशिश नाकाम हो गई। एलओसी और आईबी पर हमने पूरी सतर्कता बरकरार रखी है। यहां हाई अलर्ट जारी है। फौजें स्टैंड बाई पर हैं। हम देश को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि देश सुरक्षित हाथों में है और हम किसी भी हमले का जवाब देने में सक्षम हैं। हम भारत के खिलाफ गलत मंसूबे रखने वाली किसी भी संस्था के खिलाफ कठोर कदम उठाने में सक्षम हैं।''
नेवी के रियर एडमिरल दलबीर सिंह गुजराल ने कहा, "पाकिस्तान अगर समुद्री सीमा में किसी भी तरह की कोई गुस्ताखी करता है तो मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि इसका माकूल जवाब दिया जाएगा। हम अपने देश और जनता की सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाते हैं। हम सब एकसाथ मिलकर खड़े हैं।''
'पाकिस्तान ने तनाव बढ़ाया'
मेजर जनरल सुरेंदर सिंह ने कहा- हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है। पाकिस्तान जब तक उन्हें सपोर्ट करता रहेगा, उनके ट्रेनिंग सेंटर और ऐसे आतंकी इलाकों को हम निशाना बनाने के लिए तैयार हैं। दो दिन के दौरान पाक की ओर से 35 बार सीजफायर वॉयलेशन किया गया है और हमने इसका जवाब दिया है। अगर किसी ने तनाव को बढ़ावा दिया है तो वह पाक है। हमने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन उन्होंने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया और इसका हमने जवाब दिया है।
'पाक ने एफ-16 विमान का इस्तेमाल किया'
एयर वाइस मार्शल ने कहा- जहां तक सबूतों की बात है पाकिस्तान में केवल एक एफ-16 विमान है, जिस पर एम्राम मिसाइल लगाई जा सकती है। उस मिसाइल के टुकड़े राजौरी के पास भारतीय सीमा में पाए गए हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने एफ-16 का इस्तेमाल किया है। वायुसेना के पास कई तरीके हैं। हर जहाज का इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर होते हैं। हमें जो सिग्नेचर मिले हैं, वह बताते हैं कि पाक से एफ-16 ने उड़ान भरी।
मोदी ने कहा- पहले प्रैक्टिस की थी, अब रियल की बारी
पाकिस्तान की ओर से अभिनंदन की रिहाई के ऐलान के कुछ ही देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के विज्ञान भवन में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार समारोह के दौरान स्पीच दे रहे थे। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उस पर तंज कसा। प्रधानमंत्री ने कहा- पायलट प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद उसे बढ़ाया जाता है, तो अभी एक पायलट प्रोजेक्ट हो गया। अभी रियल करना है, पहले तो प्रैक्टिस थी।