सीबीआई के नए चीफ का आज हो सकता है ऐलान, रेस में ये चार नाम
नए सीबीआई चीफ के नाम का आज ऐलान किया जा सकता है। इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सलेक्ट कमेटी की बैठक हुई जिसमें कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रस्तावित नामों पर आपत्ति जताई थी। माना जा रहा है कि सरकार कांग्रेस नेता की आपत्ति को नजरअंदाज कर नए चीफ के नाम का ऐलान कर सकती है। रेस में सीनियर आईपीएस अफसर रजनीकांत मिश्रा, जावीद अहमद, एसएस देशवाल और शिवानंद झा का नाम आगे चल रहा है।
शुक्रवार को सलेक्ट कमेटी की बैठक में पीएम मोदी के अलावा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए थे। इसमें सीबीआई डायरेक्टर पद पर नियुक्ति के योग्य माने जाने वाले कुछ अफसरों के नाम प्रस्तावित किए गए थे। हालांकि इन नामों पर खड़गे ने आपत्ति जताई जिसके चलते बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया।
रेस में हैं ये नाम
यूपी कैडर के 1984 बैच के रजनीकांत मिश्रा फिलहाल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के चीफ हैं। इसी बैच के आईपीएस अधिकारी जावीद अहमद अभी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं। वहीं, हरियाणा कैडर के 1984 बैच के ही आईपीएस एसएस देशवाल आईटीबीपी के डायरेक्टर हैं जबकि 1983 बैच के अफसर शिवानंद झा गुजरात पुलिस के मुखिया हैं।
10 जनवरी से खाली है पोस्ट
सीबीआई के शीर्ष दो अफसरों की आपसी खींचतान में आलोक वर्मा को डायरेक्टर पद से हटाए जाने के बाद 10 जनवरी से यह पद खाली पड़ा है। इससे पहले 24 जनवरी को समिति की बैठक हुई थी, जिसमें कोई नतीजा नहीं निकल पाया था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से पूछा कि उसने अब तक सीबीआई के पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति क्यों नहीं की है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने सरकार से कहा कि सीबीआई निदेशक का पद बेहद महत्वपूर्ण होता है। अंतरिम डायरेक्टर दो-चार दिनों के लिए तो ठीक है, लेकिन लंबे समय के लिए नहीं। पीठ ने सरकार को जल्द सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति करने को कहा।
बस्सी की चुनौती पर मांगा जवाब
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव द्वारा 11 जनवरी को पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर किए गए डीएसपी ए के बस्सी की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा। बस्सी ने अपने ट्रांसफर को चुनौती दी थी। राव ने इससे पहले 23 अक्टूबर को आलोक वर्मा के पद से हटने के तुरंत बाद 24 अक्टूबर को बस्सी को पोर्ट ब्लेयर भेज था। जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हटाए जाने के बाद 10 जनवरी को वर्मा ने डायरेक्टर का पदभार संभाला, तो उन्होंने बस्सी के ट्रांसफर आदेश को रद्द कर दिया। लेकिन यह अल्पकालिक था, क्योंकि वर्मा को 10 जनवरी की रात को ही बाहर कर यह चार्ज राव को वापस दे दिया गया था और राव ने बस्सी को फिर पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर कर दिया।